प्रवासी श्रमिकों को मिलेगा बीमा का लाभ, कोरोना महामारी के बाद बिहार सरकार ने लिया फैसला

PATNA : देश के अन्य राज्यों या विदेशों में काम करने वाले प्रवासी मजदूरों को अब महामारी में भी मौ’त होने या दिव्यांग होने पर सरकारी सहायता मिलेगी। अब तक प्रवासी मजदूरों को महामारी के मामले में किसी तरह की सहायता नहीं मिल रही थी, लेकिन कोरोना महामारी के बाद राज्य सरकार ने महामारी में भी प्रवासी मजदूरों को सहायता देने का निर्णय लिया है। परमाणु विकिरण और युद्ध में भी मौत होने या शारीरिक विकलांगता होने पर बिहार सरकार सहायता देगी।

लाखों की संख्या में लौट रहे प्रवासी मजदूरों के मामले में बीते दिनों सरकार के शीर्ष स्तर पर बैठक हुई। इसमें तय हुआ कि कि अन्य राज्यों या विदेशों में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों की महामारी के कारण मौत हो जाती है तो उन्हें अनुदान दिया जाना जरूरी है। इसी उद्देश्य से श्रम संसाधन विभाग ने बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना नियमावली, 2008 में संशोधन का निर्णय लिया। यह संशोधन नियमावली, 2020 के नाम से जाना जाएगा। योजना में महामारी को शामिल करते हुए विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर कुमार की ओर से इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी गई है।

पटना में पाबंदियां हटीं तो पटरी पर लौटी जिंदगी : पटना समेत पूरे बिहार में लॉकडाउन हटते ही जिंदगी पटरी पर लौट आई है। राजधानी में मॉल को छोड़ सभी बाजार खुलने लगे हैं। शाम का सन्नाटा भी सोमवार को टूटा। रात नौ बजे तक सभी दुकानों में खरीदारी होती रही।

मौर्यालोक सहित सभी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में भी एक साथ सभी दुकानें खुलने से रौनक रही। निजी वाहनों के लिए पास की अनिवार्यता समेत अन्य कई बंदिशें खत्म होने से अनलॉक-1 के पहले ही दिन बड़ी संख्या में लोग बाजारों में आए। वाहनों के दबाव से पटना समेत राज्य के कई जगहों पर जाम की स्थिति उत्पन्न हुई। गौरतलब हो कि राज्य में एक तरफ जहां बसों का परिचालन शुरू हुआ दूसरी ओर कई रूटों पर ट्रेनों का आवागनम भी प्रारंभ हो गया। ऑटो रिक्शा जैसे छोटे वाहन भी सड़कों पर बहुतायत संख्या में दिखे।

ट्रेन सेवा शुरू : पटना जंक्शन समेत बिहार के अन्य स्टेशनों से रेल सेवा की शुरुआत हुई। पटना जंक्शन से पहली ट्रेन सोमवार की सुबह साढ़े पांच बजे हावड़ा के लिए जनशताब्दी एक्सप्रेस खुली। इसमें 1100 से अधिक यात्री सवार हुए। फिर पटना-रांची जनशताब्दी खुली, जिसमें भी 1100 से अधिक यात्री थे। इसी प्रकार श्रमजीवी, पूर्वा, सापूर्ण क्रांति अपने नियत समय पर खुलीं। जंक्शन पर रेल यात्रियों की पूरी तरीके से स्क्रीनिंग हुई। कैमरा के जरिये स्क्रीनिंग कराने की शुरुआत भी हो गई।

कोरोना संकट के बीच करीब सवा दो माह बाद सोमवार से पूरे राज्य में बस सेवा शुरू हुई। पटना से करीब 200 बसें चलीं। अन्य जिलों में भी बस, ऑटो, ई-रिक्शा, टैक्सी, ओला, उबर आदि का परिचालन भी शुरू हो गया। हालांकि राज्य सरकार द्वारा पूर्व में जारी निर्देश के तहत रात नौ बजे के बाद बस स्टैंड से बसों का परिचालन शुरू नहीं होगा। दूसरी तरफ लगभग 50 बसें मुजफ्फरपुर से पटना, चंपारण और मिथिलांचल के लिए खुलीं। बसों पर अपेक्षाकृत कम यात्री दिखे। निजी बस ऑपरेटरों की लगभग तीन दर्जन बसें सड़कों पर उतरीं।

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