मोदी सरकार का ऐलान— केंद्र नहीं कराएगा जातीय गणना, नीतीश चाहे तो अपने दमपर करा ले बिहार में

PATNA : केंद्र नहीं कराएगा जातीय गणना राज्य चाहे तो करा ले: जायसवालजातीय गणना सीएम हमेशा पक्ष में, भाजपा ने फिर साफ किया अपना स्टैंड, बोले- 2020 में ही जनगणना की प्रक्रिया शुरू, अब इसमें कोई बदलाव संभव ही नहीं, 20 जुलाई को केंद्र ने कहा था जातीय जनगणना नहीं होगी, सुशील मोदी ने कहा- भाजपा जातीय जनगणना के विरोध में नहीं, जिन्हें राजनीति करनी है करें, लोगों के लिए यह मुद्दा नहीं,

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने जातीय जनगणना कराने से स्पष्ट इंकार करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ऐसा नहीं कर सकती। केन्द्र सरकार से पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि ऐसा फिलहाल संभव नहीं। इसमें कई तरह की परेशानियां और तकनीकी समस्याएं हैं। हां, राज्य सरकार इसके लिए स्वतंत्र हैं। वे चाहें तो ऐसा कर सकती हैं। उन्हें किसी ने नहीं रोका है। राज्य सरकार चाहे तो करें। कर्नाटक, उड़ीसा ने कराया और भारत ने भी पहले इसे करके देख लिया। जो परिणाम निकलता है, सबने देख लिया है। इससे कोई नतीजा नहीं निकलने वाला। जायसवाल ने कहा कि जातीय जनगणना से समस्या का हल नहीं हो सकता। इससे बहुत सारी दिक्कतें होगी और बड़ा विवाद खड़ा होगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इससे जातीय तनाव की बात नहीं है, लेकिन तकनीकी रुप से यह पूरी तरह अव्यावहारिक है। कोरोना के कारण थोड़ा विलंब हुआ। 2020 में ही यह प्रक्रिया शुरू हुई थी। अब जनगणना में इसे जोड़ना संभव नहीं।

इससे कोई नतीजा निकलने वाला नहीं, विवाद ही होगा
कुछ नेता इस मुद्दे को लेकर प्वाइंट स्कोर करना चाहते हैं। वे राजनीतिक लाभ के लिए ही ऐसा कर रहे हैं। अब जिन्हें राजनीति करनी हो वे करें। यह सिर्फ उनके लिए ही मुद्दा है। आम लोगों के लिए यह कोई मुद्दा नहीं। हमारे लिए गरीबों का उत्थान और उनके कल्याण की योजनाएं ही प्राथमिकता है। 2020 में ही जनगणना की प्रक्रिया शुरु होनी थी। इसके सारे फैक्टर तैयार हो चुके हैं।

सुशील मोदी ने कहा- भाजपा जातीय जनगणना के विरोध में नहीं
पूर्व उपमुख्यमंत्री व सांसद सुशील मोदी ने कहा कि भाजपा जातीय जनगणना के विरोध में नहीं है। यदि ऐसा होता तो पीएम से मिलने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में भाजपा के मंत्री शामिल नहीं होते। हां, यह भी सच है कि जनगणना की कार्रवाई दो साल पहले शुरु हो चुकी है। लिहाजा, इसमें कोई अन्य फैक्टर जोड़ना संभव नहीं हो सकता। तकनीकी समस्या के कारण फिलहाल केन्द्र ऐसा करने में सक्षम नहीं।

जिन्हें राजनीति करनी है करें, लोगों के लिए यह मुद्दा नहीं
जातीय जनगणना में कई तरह की समस्या है। पहले भी ऐसा करने का प्रयास हुआ, लेकिन नयी समस्या पैदा हो गयी। 48 हजार जातियों के नाम सामने आ गए। कर्नाटक सरकार ने भी ऐसा करवाया था, लेकिन उसके परिणाम अव्यावहारिक हुए। कर्नाटक सरकार ने इसीलिए चार साल तक इसे रोक कर रखा। अब 48 हजार से अधिक जातियों की रिपोर्ट कैसे तैयार होगी? कम्प्यूटर में भी इतनी जातियों का विवरण का शीट तैयार नहीं हो सकता। इसका आंकड़ा लिया ही नहीं जा सकता।

केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने 20 जुलाई को लोकसभा में कहा था- भारत सरकार ने नीतिगत मामले के रूप में फैसला किया है कि कोई जातीय जनगणना नहीं होगी। इसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना के पक्ष में विचार व्यक्त किये। उन्होंने केन्द्र सरकार से जातीय जनगणना की मांग भी की। बाद में बिहार से सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भी प्रधानमंत्री से दिल्ली जाकर मुलाकात की।

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