मुखिया चुनाव में इस बार नहीं होगा वोगस वोटिंग, चालाकी करने वालों को जाना होगा जेल

पंचायत चुनाव में बोगस वोटिंग को लेकर शिकायतें आम रहीं हैं। लेकिन इस बार बोगस वोटिंग की प्लानिंग कर रहे लोगों की पानी फिरने वाला है। राज्य निर्वाचन आयोग ने बोगस वोटिंग को रोकने के लिए वोटरों के सत्यापन का नया तरीका अख्तियार किया है। सभी मतदान केन्दों पर वोटरों का सत्यापन बायोमेट्रिक्स सिस्टम से होगा। आयोग ने इस बाबत सोमवार को सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारी(पंचायत) को दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। बिहार में किसी भी चुनाव में पहली बार लागू हो रही इस व्यवस्था के बाद एक वोटर अपने मूल मतदान केन्द्र के अतिरिक्त कहीं भी वोट नहीं डाल पाएगा। आयोग ने कहा है कि प्रत्येक मतदान केन्द्र पर बायोमेट्रिक्स सिस्टम से सत्यापन होगा ताकि एक वोटर द्वारा अपने मूल मतदान केन्द्र के अतिरिक्त अन्य किसी भी मतदान केन्द्र पर दोबारा वोटिंग करना संभव नहीं हो सके।

बिहार में पंचायत चुनाव इस बार बेहद खास है। खास इस मायने में कि इस बार के चुनाव में परंपरागत तरीकों से हटकर नए प्रयोग किए जा रहे हैं। पहली बार बिहार में पंचायत चुनाव के वोटर ईवीएम से वोटिंग करेंगे। आयोग की कोशिश थी कि सभी पदों के लिए ईवीएम से ही वोटिंग हो लेकिन चुनाव आयोग से उतनी संख्या में ईवीएम उपलब्ध नहीं हो पाई।

इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं रहने पर भी होगी पहचान
बायोमेट्रिक्स सत्यापन के दौरान यदि किसी मतदान केन्द्र पर इंटरनेट कनेक्टिविटी बाधित होती है तो उस परिस्थिति में भी अगर कोई वोटर उस बूथ पर दोबारा वोट करने आता है तो सिस्टम उसे तत्काल डुप्लीकेट वोटर के रूप में चिह्नित कर लेगा। क्योंकि उस बूथ पर जितने भी वोटर आएंगे उनका पहले से ही अंगूठे का निशान, फोटो, पहचान पत्र टैबलेट में लगातार सुरक्षित किया जाता रहेगा।

प्रयोग : पहली बार हर बूथ पर चार ईवीएम और दो बैलट बॉक्स का प्रयोग होगा। इसके लिए पहले के चुनाव की तुलना में 2 मतदानकर्मी अधिक तैनात किए जा रहे हैं। दरअसल आयोग पंचायत चुनाव में जिस एम-टू मॉडल की ईवीएम का प्रयोग कर रहा है।

बोझ : चुनाव में हो रहे इन नए प्रयोगों का दूसरा प्रभाव या बोझ भी पड़ा है। ईवीएम से चुनाव कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग को देश के 36 राज्यों के 222 जिलों से ईवीएम लाने की व्यवस्था करनी पड़ी। इसपर बड़ी रकम खर्च हुई है।

{बायोमेट्रिक्स सत्यापन के काम के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड को प्राधिकृत किया है। यही इस काम को करेगी।{टैब के माध्यम से रियल टाइम में एमआईएस रिपोर्ट हर दो घंटे पर वोटर टर्न आउट के तौर पर मिलेेगा, जिसमेें यह भी पता चलेगा कि कितने पुरुष व महिला ने मतदान किया।{सत्यापन का डाटा क्लाउड पर होस्टेड केन्द्रीय सर्वर पर एकत्र होगा। लिहाजा वोटर अगर किसी अन्य मतदान केन्द्र पर भी मतदान करना चाहे तो बायोमेट्रिक्स सिस्टम से तत्काल उसकी पहचान हो जाएगी। {वोटर वैकल्पिक दस्तावेज के तौर पर आधार कार्ड लेकर आते हैं तो उनके आधार नंबर एवं फिंगर प्रिंट से आधार पर उनका त्वरित सत्यापन हो जाएगा। आधार सत्यापन के दौरान किसी भी वोटर की पूरी जानकारी मतदान करते समय सुरक्षित हो जाएगी।

ऐसे काम करेगा सिस्टम : प्रत्येक मतदान केन्द्र पर एक तकनीकी कर्मी बायोमेट्रिक्स उपकरण एवं टैबलेट के साथ प्रतिनियुक्त होंगे। वह वोटरों के अंगूठे का निशान, उनका फोटो, इपिक व अन्य वैकल्पिक दस्तावेज तथा वोटर पर्ची का फोटो लेकर उसे बायोमेट्रिक्स डेटाबेस में सुरक्षित करेंगे। यदि कोई दोबारा वोट डालने के लिए जाता है तो सिस्टम उसे तुरंत पहचान लेगा।

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