चुनावी महाभारत 2005 बनाम 2005, बिहार विधान सभा बना कुरुक्षेत्र ,मर्यादा की सारी सीमा हुई तार तार । जैसी की संभावना थी आज बिहार विधान सभा के अंदर सच साबित हुई ।
चुनावी वर्ष में बिहार विधान मंडल के बजट सत्र की शुरुआत से ही ये कयास लगाए जा रहे थे कि यह सत्र सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए करो या मैरो की स्थिति बाली है ।यानि सदन के अंदर और सदन के बाहर दोनों पक्ष एक दूसरे से फ़रियाने के मूड में थे ताकि चुनाव में जनता के बीच जाने से पहले पूरी तरह से रिहल्सल हो जाए ।और आज यही हुआ भी ।मौका राज्यपाल के अभिभाषण पर विपक्षी दल के नेता तेजस्वी यादव का सरकार को घेरने या कटघरे में का अवसर था तो सरकार के मुखिया नीतीश को इसका जवाब देने का सुनहरा मौका ।
यही वजह रही कि जब आज सदन में तेजस्वी पूरी तैयारी कर के आए थे ।भोजनावकाश के बाद जब विधान सभा अध्यक्ष नन्द किशोर यादव ने तेजस्वी को बोलने के लिए कहा तो सदन में सत्ता पक्ष के सदस्यों की संख्या काफी कम थी। साथ ही सीएम और दोनों डिप्टी सीएम भी सदन से नदारद थे ।वैसी स्थिति में तेजस्वी ने शुरुआत ही सत्ता पक्ष पर हमले के साथ की और सरकार का जम कर मजाक उड़ाया ।फिर कुछ देर में सम्राट चौधरी और विजय सिंहा जब आए तो व्यक्तिगत कटाक्ष भी किया ।इतना तक तो ठीक था लेकिन जब तेजस्वी ने सम्राट चौधरी के पिता शकुनि चौधरी का नाम लेकर सीएम नीतीश के बारे में पूर्व में दिए गए उनके बयान का उदाहरण दिया और दावा किया कि सम्राट के राजनीतिक जीवन का असली घर राजद है और वे नकली बीजेपी है ।इस पर सम्राट आग बबूला हुए और फिर जमकर दोनों के बीच नोक झोंक और शब्दों के ऐसे तीर चले जिसने मर्यादा को तार तार कर दिया।तेजस्वी ने विजय सिंहा की भी जमकर किरकिरी की ।खास कर अटल बिहारी बाजपेई जी के बयान और वापस को आपस बोलकर ।हालांकि विधान सभा अध्यक्ष ने शांत करने की कोशिश की लेकिन सदन में पूरी तरह से एक दूसरे को देख लेने की धमकी भी दी गई खासकर तेजस्वी के बड़े भाई तेजप्रताप के द्वारा ।
तेजस्वी की तैयारी आज 2005 के पहले बिहार को लेकर थी ।यानि नीतीश कुमार के उस बयान को जिसमें सीएम बार बार यह कहते है कि 2005 के पहले कुछ था जी ।तेजस्वी यही साबित करने के लिए आए थे कि 2005 यानि नीतीश राज के पहले बिहार की स्थिति 2025 यानी नीतीश राज के 20 वर्षों के शासन काल से ज्यादा बेहतर थी ।आंकड़ों के साथ उन्होंने यह साबित करने की कोशिश की कि लालू राबड़ी राज में बिहार के गरीबों को आवाज ही नहीं मिली उनकी सूरत बदलने के लिए शिक्षा , स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में बेहतर काम किए गए ।बिहार की प्रगति में बाधक तत्कालीन केंद्र सरकार थी ।
साथ ही तेजस्वी ने नीतीश सरकार को खटा रा सरकार बताते हुए 2025 बिहार को देश ही नहीं विश्व के सबसे पिछड़ा राज्य बताया ।साथ ही तेजस्वी ने दावा किया कि अगर वे सत्ता में आते है तो ,5, वषों में बिहार को विकसित बिहार बनाएंगे ।
तेजस्वी के बाद अब बारी नीतीश की थी ।उन्होंने फिर दावा किया कि 2005 के पहले लोग शाम होते ही घर से बाहर नहीं निकलते थे ।नीतीश ने राजद के माय समीकरण पर सीधा हमला बोला और दावा किया कि दंगा फैलाने में इन्हीं लोगों का हाथ था ।जबकि उन्होंने इसे रोकने में सफलता पाई ।नीतीश ने अपनी उपलब्धियों में कब्रिस्तान की घेराबंदी शिक्षा स्वास्थ्य बिजली आदि क्षेत्रों में किए गए कार्यों की चर्चा की ।नीतीश के दावे पर तेजस्वी की टिप्पणी पर भड़के नीतीश ने दावा किया कि तुम्हारे बाप को सीएम हमने बनाया और यादव जाति के लोग ही लालू का विरोध। करते थे ।बिहार में शिक्षकों की बहाली को भी नीतीश ने अपनी उपलब्धि बताई और तेजस्वी को निकम्मा बताया ।साथ ही दावा किया कि सरकार में काम नहीं करने और गड़वड करने के चलते उन्होंने राजद को दो दो बार सरकार से बाहर किया और अब कभी राजद के साथ नहीं जाएंगे ।
नीतीश के इस बयान के बाद राजद समेत सभी विपक्षी सदस्यों ने सदन का वहिष्कार किया और विपक्ष की अनुपस्थिति में ही नीतीश ने अपनी बात पूरी की ।
एक लंबे अरसे के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच शब्दों के तीर चले और सरकार के मुखिया उप मुखिया और विपक्ष आमने सामने थे । सदन ने में आजचारा घोटाला और वंशवाद पर भी जमकर घमासान हुआ और तेजस्वी के निशाने पर सम्राट विजय चौधरी के साथ ही नीतीश मिश्रा भी तेजस्वी के निशाने पर रहे ।
लेकिन अंत में यही कहा जा सकता है कि 2005 बनाम 2005 के बहाने विधान सभा चुनाव की विसात बिछ चुकी है ।नीतीश भी शायद यही चाहते है ।यानि नीतीश की विसात पर तेजस्वी भी अब पूरी तरह मात देने की कोशिश में दिखे है ।लेकिन यह तो अभी झांकी है पूरी फिल्म अभी बाकी है।
लेखक : अशोक कुमार मिश्रा, वरिष्ठ पत्रकार