बिहार का लाल देश पर कुर्बान: ऑपरेशन सिंदूर में घायल हुए हवलदार सुनील सिंह ने तोड़ा दम, मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि

By Rajveer

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पटना, 7 जून: बिहार के बक्सर जिले के रहने वाले भारतीय सेना के वीर जवान हवलदार सुनील कुमार सिंह ने देश की रक्षा करते हुए अपनी जान कुर्बान कर दी। वे ऑपरेशन सिंदूर के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे और शनिवार को इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। इस दुखद समाचार से पूरे बिहार में शोक की लहर है, खासकर बक्सर जिले में मातम का माहौल है।

मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि, राज्य सरकार करेगी सम्मानजनक अंतिम संस्कार

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुनील सिंह की शहादत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा,

“हवलदार सुनील कुमार सिंह की वीरता और बलिदान को देश कभी नहीं भूलेगा। उन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया, यह पूरे बिहार के लिए गर्व और शोक की घड़ी है।”

मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि राज्य सरकार की ओर से शहीद के निकटतम परिजन को सम्मान राशि प्रदान की जाएगी और उनका पुलिस सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करवाया जाएगा। उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि वह शहीद के परिवार को इस दुःख की घड़ी में सहनशक्ति दे।

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कौन थे हवलदार सुनील सिंह?

हवलदार सुनील कुमार सिंह, बक्सर जिले के चौसा प्रखंड के निवासी थे। वे 9 मई को जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी हमले में घायल हो गए थे। उन्हें पहले राजौरी से उधमपुर के सेना अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां वे एक महीने से जिंदगी और मौत से लड़ रहे थे।

उनके परिवार में मां पावधारी देवी, जो एक रिटायर्ड प्रधानाध्यापिका हैं, पत्नी और दो बेटे हैं। उनकी शहादत ने पूरे गांव और जिले को गमगीन कर दिया है।

क्या है ऑपरेशन सिंदूर?

ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना का एक गुप्त मिशन था, जो 6 मई की रात जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत चलाया गया था। इस मिशन में सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया था, और 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया था। यह ऑपरेशन भारत की तरफ से पहलगाम आतंकी हमले का जवाब था।

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पहले भी शहीद हुए थे बिहार के सपूत

इससे पहले भी पटना के देव किशोर समेत कई बिहार के जवान मातृभूमि के लिए शहीद हो चुके हैं। अब हवलदार सुनील सिंह की शहादत ने एक बार फिर पूरे राज्य को गर्व और ग़म दोनों से भर दिया है।

निष्कर्ष:

हवलदार सुनील सिंह की शहादत केवल उनके परिवार की नहीं, बल्कि पूरे बिहार और देश की शहादत है। उनका बलिदान हमें याद दिलाता है कि हमारी आज़ादी और सुरक्षा के पीछे हमारे सैनिकों की बहादुरी और त्याग छुपा है। देश उन्हें हमेशा सम्मान और आदर के साथ याद रखेगा।