बिहार के सभी नियोजित मास्टरों को लिए नीतीश सरकार का आदेश, कहा— बात मानों नहीं तो चली जाएगी नौकरी

एक लाख ही नहीं, सभी 3.57 लाख शिक्षकों को वेब पोर्टल परअपलोड करना होगा फोल्डर, नहीं किया तो अवैध होगी बहाली : एक लाख 3 हजार शिक्षकों को ही नहीं, बल्कि सभी 3.57 लाख नियोजित शिक्षकों को शैक्षणिक और प्रशिक्षण संबंधी सर्टिफिकेट (फोल्डर) वेब पोर्टल पर अपलोड कराना होगा। 1.03 लाख ऐसे शिक्षक हैं, जिनके फोल्डर अबतक निगरानी विभाग को जांच के लिए नहीं मिल सके हैं। शिक्षकों की नियोजन इकाइयों खास कर पंचायतों से शिक्षकों के फोल्डर गायब रहने के बाद शिक्षा विभाग ने वेब पोर्टल बना कर शिक्षकों से ही सर्टिफिकेट अपलोड कराने का निर्णय लिया है। तकनीकी परेशानी से बचने के लिए दो वेबसाइट तैयार कराए गए हैं। ट्रायल के बाद एक सप्ताह के अंदर ही इसे लॉन्च कर सर्टिफिकेट अपलोड कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

शिक्षा मंत्री बोले फोल्डर को अपलोड करने से निगरानी जांच में मदद मिलेगी : शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि शिक्षकों के फोल्डर अपलोड कराने के लिए शिक्षा विभाग वेब पोर्टल लॉन्च करेगा। इससे निगरानी अन्वेषण ब्यूरो से नियोजित शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच कराने में मदद मिलेगी। कई नियोजन इकाइयों से शिक्षकों के फोल्डर नहीं मिलने के बाद वेब पोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड कराने का निर्णय लिया गया है।

शिक्षक, प्रखंड, जिला व नियोजन इकाई के नाम होंगे, ट्रायल के बाद एक हफ्ते में लॉन्च हो जाएगा वेब पोर्टल, विभाग के पास रहेगा शिक्षकों का डाटा, फर्जी तरीके से बहाल शिक्षकों पर कार्रवाई अब होगी आसान

सभी शिक्षकों के सर्टिफिकेट अपलोड कराने का निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि जिन ढाई लाख शिक्षकों के फोल्डर की निगरानी जांच हो गई है, भविष्य में उनके सर्टिफिकेट पर सवाल उठते हैं तो दोबारा जांच कराने में आसानी होगी। अरवल, किशनगंज, मधेपुरा, मुंगेर, पूर्णिया और सीतामढ़ी में सभी शिक्षकों के फोल्डर मिल चुके हैं। मोतिहारी में सर्वाधिक 13285 व मधुबनी में सबसे कम 22 शिक्षकों के फोल्डर गायब हैं।

पोर्टल पर जिला, प्रखंड और नियोजन इकाईवार विवरणी संबंधित जिला के डीईओ कार्यालय द्वारा अपलोड होगा। शिक्षकों को तय समय सीमा में प्रमाणपत्र अपलोड कराना है। इससे संबंधित विज्ञापन भी छपेगा। तय समय में जो शिक्षक प्रमाणपत्र, अंकपत्र और नियोजन पत्र की प्रति पोर्टल पर अपलोड नहीं कराएंगे, माना जाएगा कि उनको नियुक्ति की वैधता मामले में कुछ नहीं कहना है। पहली नजर में इनकी बहाली अवैध मानकर कार्रवाई की जाएगी। ऐसे शिक्षकों से स्पष्टीकरण पूछकर सेवा समाप्त करते हुए वेतन या वेतनमान के रूप में मिली राशि वसूल की जाएगी। पोर्टल का लिंक बिहार बोर्ड के अधिकारी, शिक्षा विभाग के संबंधित अधिकारी के साथ ही जिला के शिक्षा पदाधिकारी के पास होगा।

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