सवा लाख करोड़ के बिहार पैकेज की तरह जुमला ना साबित हो जाए 20 लाख करोड़ का कोरोना राहत पैकेज

देशभर में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांचवी बार राष्ट्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ना सिर्फ कोरोना से लड़ाई को लेकर अपने संकल्प को दोहराया बल्कि लॉकडाउन के चौथे चरण से लेकर देश के लिए सबसे बड़े 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा भी की।

पीएम मोदी ने इसे ‘आत्मनिर्भर भारत’ पैकेज का नाम दिया। पीएम मोदी के 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा के बाद से ही इस राहत पैकेज को लेकर चर्चाएं जोरों पर है। राजनीतिक गलियारों से लेकर आम आदमी तक हर कोई इस पैकेज में अलग-अलग कयास लगा रहे है।

बहरहाल ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब पीएम ने किसी बहुत बड़े विशाल पैकेज की घोषणा की हो। नरेंद्र मोदी ने 2015 में बिहार के विकास के लिए 1.25 लाख करोड़ के भारी-भरकम पैकेज की घोषणा की थी।

आपको बता दें कि सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत पूछे गए एक प्रश्न के जबाव में यह खुलासा हुआ है कि मोदी ने अक्टूबर 2015 के विधानसभा चुनावों के दौरान बिहार को 1.25 लाख करोड़ रुपये का पैकेज देने का वादा किया था, उसका इंतजार बिहार सरकार को अभी तक है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर, 2015 में विधानसभा चुनाव के दौरान बिहार में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए अपने खास अंदाज में कहा था, बिहार के लिए 70 हजार, 80 हजार, 90 हजार करोड़ दूं या ज्यादा दूं. चलो सवा लाख करोड़ देता हूं. हालांकि पीएम मोदी की ओर से किये गये इस घोषणा के तरीके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत अन्य दलों के नेताओं ने गंभीर सवाल उठाए थे.

बहरहाल 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज के घोषणा के बाद आम जनमानस को इस बात का डर है कि बिहार पैकेज और प्रत्येक खाते में 15 लाख रुपए के जुमले को फुस्स होने के बाद प्रधानमंत्री का कोरोना राहत पैकेज ( आत्म निर्भर भारत पैकेज ) भी जुमलों के ढेर पर ताजपोशी ना करवा बैठे

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