बिहार पुलिस के रियल सिंघम विकाश वैभव, मनु महाराज, शिवदीप लांडे, नाम सुनते ही कांपते हैं मुजरिम

VIKASH VAIBHAV-बेगूसराय के बीहट के रहने वाले विकास वैभव 2003 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वर्तमान समय में पुलिस मुख्यालय में आईजी के पद पर हैं। फायर सर्विसेज व होमगार्ड विभाग में आईजी के पद पर रहते हुए डीजी शोभा अहोतकर से टकराहट के बाद इनका तबादला पुलिस मुख्यालय कर दिया गया था। पटना पूर्णिया समेत कई जिलों में एसपी के पद पर रहते हुए इनकी छवि एंटी क्रिमिनल बनी हुई है। मोकामा के टाल क्षेत्र से छोटे सरकार के नाम से मशहूर विधायक अनंत सिंह की गिरफ्तारी से ये सुर्खियों में आए थे।

भागलपुर में डीआईजी के पद पर रहते हुए भागलपुर वासियों के जेहन में अपनी कार्यशैली से अमिट छाप छोड़ रखा है। जिसे लोग आज भी याद करते हैं। जनता दरबार के माध्यम से मुलाकातियों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं का थाना से त्वरित निष्पादन कार्यशैली की शगल बन गई थी, जिसके कारण दिवानगी आम जनमानस में सर चढ़कर बोलने लगा था। विकास वैभव इन दिनों बिहार के गौरवशाली इतिहास से रू-ब-रू कराने के लिए लेट्स इंस्पायर बिहार जैसे मुहिम चला रहे हैं। बिहार के सभी जिलों में सैकड़ों हजारों की संख्या में जुड़कर युवा इस मुहिम का हिस्सा बने हुए है। वह हरेक जिले में लेट्स इंस्पायर बिहार कार्यक्रम के तहत जाकर बिहारवासियों में जागरूकता चला रहे हैं।

SHIVDEEP LANDEY – महाराष्ट्र के अकोला के मूल रूप से रहने वाले शिवदीप वामनराव लांडे 2006 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वर्तमान समय में कोसी रेंज के डीआईजी के पद पर आसीन हैं। बिहार में मुंगेर, पटना, अररिया, रोहतास आदि जिलों में एसपी के रूप में ऐसा काम किए कि लोगों के जेहन में आज भी उनकी कार्यशैली कायम है। महाराष्ट्र के रहते हुए भी बिहार कैडर के इस आईपीएस अधिकारी की कार्यशैली से अपराधी थर-थर कांपते हैं। कहा जाता है कि जिस जिले में एसपी के रूप में जाते थे, वहां के अपराधी इनके कार्यकाल के दौरान अपना ठिकाना बदल लेते थे। स्कूल कॉलेज जाने वाले छात्राओं के साथ होने वाली छेड़खानी को लेकर मनचलों को खूब सबक सिखाया। छात्राओं के बीच इन्होंने अपना मोबाइल नंबर शेयर कर रखा था और किसी तरह की सूचना पर त्वरित उस स्थान पर पहुंचकर कार्रवाई को अंजाम देते थे। जिस जिस जिले में इनकी प्रतिनियुक्ति हुई, इनकी दिवानगी अमन पसंद लोगों के सर चढ़कर बोली। मुंगेर के जमालपुर में नक्सलियों से मुठभेड़, रोहतास में खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई, पटना में मनचलों पर नकेल, ट्रैफिक व्यवस्था का दुरुस्तीकरण, अररिया में आर्थिक अपराध करने वालों के खिलाफ कार्रवाई, कब्र से शव के गायब होने के मामले का उद्भेदन, हाथी दांत का काला कारोबार का उद्भेदन जैसे मामले बिहार का सिंघम बना दिया था।

रोहतास में खनन माफियाओं के खिलाफ खुद से जेसीबी मशीन चलाकर अवैध क्रशरों को ध्वस्त करने को आज भी याद किया जाता है। इतना ही नहीं महाराष्ट्र पुलिस में एंटी नारकोटिक्स सेल क्राइम ब्रांच में रहते हुए दर्जनों मामलों के उद्भेदन ने नशे के सौदागर की नींद उड़ाकर रख दी थी। स्थानांतरण के बाद जिस तरह से एक एसपी के लिए अररिया, पटना और रोहतास में सड़क पर लोग उतरे। वह भी किसी भी एसपी के कार्यकाल को सुखद कहा जा सकता है।

MANU MAHRAJ- एक समय पर मनु महाराज का खौफ बिहार में ऐसा था कि उनके नाम से ही अपराधी कांपने लगते थे. मनु महाराज बचपन से ही आईपीएस अधिकारी बनना चाहते थे. इसलिए उन्होंने आईएएस मिलने के बावजूद आईपीएस. मनु महाराज बिहार कैडर के 2005 बैच के अफसर हैं. 7 साल पटना में एसएसपी रहने के बाद अगस्त 2021 से वह बिहार के बाहर भी अपनी सर्विस देने लगे.वहीं आपको बता दें जब उनकी तैनाती बिहार में थी तो उन्होंने बिहार कर्मचारी चयन आयोग के नियुक्ति घोटाले में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार की भी गिरफ्तारी की थी. जब तक वो बिहार में रहे सीएम नीतीश कुमार के बेहद विश्वसनीय अफसरों में गिने जाते. मनु महाराज की शुरुआती पढ़ाई हिमाचल प्रदेश के शिमला में हुई है. इसके बाद उन्हें IIT रुड़की में दाखिला मिल गया था. यहां से ग्रेजुएशन करने के बाद मनु महाराज ने UPSC एग्जाम देने का फैसला किया था. और फिर आईपीएस अधिकारी बने.

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