देश ही नहीं दुनियाभर में बिहार प्रतिभाएं सफलता का परचम लहरा रही हैं

देश ही नहीं दुनियाभर में बिहार प्रतिभाएं सफलता का परचम लहरा रही हैं। इसी कड़ी में एक और नाम जुड़ा है पटना के वैज्ञानिक अतुल कुमार वर्मा का। उन्होंने दो दवाओं ‘ओ’माडासाइक्लिन’ और ‘सारे’साइक्लिन’ का आविष्कार किया है। ये दवाएं पुरानी एं’टी बॉ’योटिक के विकल्प के रूप में काम करेंगी। इन दोनों द’वाओं को बनाने में सात वैज्ञानिकों की टीम लगी थी।

इनमें दो बिहार के थे। टीम में अतुल वर्मा की पत्नी डॉ. बीना भी थीं। अतुल वर्मा के अनुसार ये दोनों द’वाएं न्यू’मो’निया और च’र्म रो’गों के म’रीजों के लिए आशा की किरण हैं। अतुल के मुताबिक हाल के वर्षों में एं’टीबायोटिक-रेसिस्टेंट इ’न्फेक्शन से म’रीजों की परेशान बढ़ी है। खासकर न्यू’मोनिया और च’र्म के सं’क्रमण वाले म’रीज ज्यादा प’रेशान हैं। कई मामलों में तो मौ’त भी हो जा रही है। ऐसे में उक्त दोनों दवाओं का आविष्कार मरीजों के लिए वरदान साबित होगा, क्योंकि अब वैसे इंफ़े’क्शन भी इनसे ठीक होंगे।

द’वाओं को सफल प्रयोग के बाद मार्केट में उतारा गया : अतुल वर्मा की टीम अमेरिकन कंपनी ‘पाराटेक फॉर्मास्युटिकल’ के लिए काम करती थी। छह वैज्ञानिकों की दूसरी टीम ने म’रीज़ों पर उन द’वाओं का सफल प्रयोग किया। द’वाओं को मनुष्य के लिए उपयुक्त और प्रभावी पाया गया। दोनों द’वाएं बाजार में उतार दी गयी हैं। अभी अतुल ‘एनलीलम फॉर्मास्युटिकल’ के लिए दूसरी दवाओं पर काम कर रहे हैं।

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