दरभंगा में बनेगा बिहार का दूसरा एम्स, केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे ने केंद्र को भेजा प्रस्ताव
एम्स के लिए यहां है 200 एकड़ जमीन, जल्द आएगी केंद्रीय टीम
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि एम्स दरभंगा में ही बनेगा। यह जनहित में भी जरूरी है। इसके निर्माण से दरभंगा के साथ ही अन्य जिलाें व नेपाल तक के मरीजों का बेहतर इलाज हो सकेगा। इसके लिए 200 एकड़ जमीन चाहिए। डीएमसी के प्राचार्य और अधीक्षक ने कहा है कि एम्स के लिए यहां पर्याप्त जमीन है। चौबे बुधवार को डीएमसीएच में 150 करोड़ की लागत से बने रहे सुपर स्पेशिएलिटी भवन का निरीक्षण करने पहुंचे थे। उन्होंने कर्पूरी चौक स्थित मेडिकल ग्राउंड का भी निरीक्षण किया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूरे देश में 21 एम्स स्वीकृत हैं। जहां तक दरभंगा की बात है, तो यहां एम्स बनना चाहिए। यहां के मरीज दिल्ली जाते हैं। यह चिंता का विषय है। कुछ माह पहले टेक्निकल टीम आई थी जिसने दरभंगा में एम्स बनाने को अस्वीकृत कर दिया था। हम लोगों ने केंद्र को फिर से प्रस्ताव भेजा है। दरभंगा में एम्स के प्रस्ताव को रिजेक्ट नहीं किया गया है। इस संबंध में बिहार सरकार से जल्द ही वार्ता की जाएगी। जल्द ही एक केंद्रीय टीम दरभंगा भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी वर्ष 2014-15 में दरभंगा में एम्स के लिए प्रस्ताव लाया गया था।
3 साल पहले हुई थी एम्स की घोषणा : वित्त वर्ष-2015-16 में केन्द्र ने बिहार में एक और एम्स बनाने की घोषणा की थी। करीब तीन वर्ष बीतने के बाद भी जगह तय नहीं हो पाई है। केन्द्र की ओर से कई बार चिट्टी लिखने के बाद भी राज्य की ओर से पहले कहा गया कि आप खुद जगह तय कर लें। लेकिन केन्द्र ने मना किया तब राज्य सरकार की ओर से डीएमसीएच को ही एम्स में कनवर्ट करने को कहा गया। एम्स के लिए 200 एकड़ भूमि की जरूरत होती है।