मुखिया चुनाव पर बिहार में बड़ा फैसला, इस बार नहीं होगा बोगस वोटिंग, बायोमेट्रिक मशीन से हाजरी


बिहार में पंचायत और ग्राम कचहरियों के लगभग ढाई लाख पदों पर चुनाव कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग पूरी तैयारी कर रहा है। इस बार बोगस यानी फर्जी वोटिंग करने वालों की खैर नहीं होगी। आयोग चुनाव में पहली बार ईवीएम का प्रयोग करने के साथ कई तरह के नए प्रयोगों को मूर्त रूप देने में लगा हुआ है।

पंचायत चुनाव के दौरान पहली बार मतदान केंद्रों पर वोटरों की हाजिरी लगाने के लिए बायोमेट्रिक मशीन के प्रयोग पर फैसला अंतिम चरण में है। मतदान के दौरान वोटरों की उंगलियों पर अमिट स्याही का इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही हाजिरी लगाने के लिए बायोमेट्रिक का प्रबंध किया जाएगा।

राज्य सरकार की सहमति मिलने के बाद हर मतदान केंद्र पर एक बायोमेट्रिक मशीन लगाने की योजना है। मतदान केंद्र पर वोट देने आए मतदाता की बायोमेट्रिक मशीन के जरिए पहचान सुनिश्चित की जाएगी। राज्य निर्वाचन आयोग से हरी झंडी मिलने के बाद ईवीएम और बायोमेट्रिक मशीन लगाने का प्रस्ताव तैयार है।

पांच तरह से होगी वोटर्स की जांच
बायोमेट्रिक मशीन के अलावा पांच तरीके से वोटर्स की पहचान की जाएगी। इसके तहत वोट डालने के लिए आने वाले वोटर का फिंगरप्रिंट लिया जाएगा। फेस रीडिंग की भी योजना है। मतदान केंद्र पर इपिक से मिलान किया जाएगा। मतदान से पहले इसको सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जाएगा। सुरक्षा की इस चाक चौबंद व्यवस्था के जरिए बोगस वोटर्स की आसानी से पहचान हो जाएगी।

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