BJP के कहने पर LJP ने लिया नीतीश को चुनाव में हराने का फैसला, अपमान का बदला लेना चाहते हैं मोदी

लोजपा का एनडीए से बाहर होने के बाद बिहार में राजनीति तेजी से बदलने लगी है। कयास लगाया जा रहा है कि भाजपा बिहार के सीएम नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जदयू से बदला लेने के लिए प्लान बी पर काम कर रही है। राजनीति विशेषज्ञों की माने तो ऐसा कैसे हो सकता है कि लोजपा चुनाव जीतने के बाद भाजपा के साथ आएगी।

वरिष्ठ पत्रकार पुष्य मित्र कहते हैं कि अभी कल तक बिहार में एनडीए की जीत फाइनल लग रही थी, मगर अति आत्मविश्वास में भाजपा ने जो यह गेम खेला है, उसका खमियाजा सिर्फ जदयू को ही नहीं भाजपा को भी भुगतना पड़ेगा। नीतीश इतनी आसानी से नहीं छोड़ेंगे। हां, इस बीच महागठबन्धन मजबूत नजर आ रहा है और कांग्रेस फायदे में। चुनाव अचानक दिलचस्प हो गया है।

सीमांचल की खबरों पर पैनी नजर रखने वाले कृष्ण कुमार मिश्रा कहते हैं कि आज जो लोजपा नेता ने कहा है उससे स्पष्ट है कि बीजेपी ने नीतीश कुमार को निपटाने की सोच लिया है। उसी स्क्रिप्ट के तहत कल वाली मुकेश सहनी के ड्रामे को भी देखा जाना चाहिए। अब भाजपा कार्यकर्ता जदयू वाली सीट पर लोजपा को मदद करेंगे।

नीतीश के खिलाफ वोट मांगेगी लोजपा : बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच रविवार को लोक जनशक्ति पार्टी ने बड़ा फैसला लिया है। चिराग पासवान (Chirag Paswan) की अध्यक्षता में आज दिल्ली में लोक जन शक्ति पार्टी के संसदीय दल की अहम बैठक हुई। इस बैठक में लोक जन शक्ति पार्टी ने बड़ा फैसला लेते हुए बिहार चुनाव के लिए NDA से अलग होने का ऐलान किया है। लोजपा के राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल खालिक ने कहा कि LJP संसदीय बोर्ड ने बिहार विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा के साथ गठबंधन का प्रस्ताव किया है। बता दें कि पार्टी के सूत्रों के अनुसार एलजेपी एनडीए के घटक दल के रूप में बनी रहेगी, लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव में वह मुख्यमंत्री नीतीश के खिलाफ वोट मांगेगी।

लोक जनशक्ति पार्टी ने अपने बयान में कहा कि राष्ट्रीय स्तर व लोकसभा चुनाव में भाजपा, लोक जनशक्ति पार्टी का मजबूत गठबंधन है। राजकीय स्तर पर व विधानसभा चुनाव में गठबंधन में मौजूद जनता दल (यूनाइटेड) से वैचारिक मतभेदों के कारण बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी ने गठबंधन से अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया है। लोजपा ने कहा कि चुनाव परिणामों के उपरांत लोक जनशक्ति पार्टी के तमाम जीते हुए विधायक प्रधानमंत्री मोदी जी के विकास मार्ग के साथ रहकर भाजपा-लोजपा सरकार बनाएंगे।

बिहार चुनाव के पहले लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने तेवर कड़े कर लिये थें। उन्होंने अपनी पार्टी के ‘बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट’ के लिए शनिवार को लोगों का आशीर्वाद मांगा था। यह इस बारे में संकेत था कि पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के तहत राज्य विधानसभा चुनाव नहीं लड़ सकती है। लोजपा के ऐलान के साथ बिहार में अचानक सियासी समीकरण बदल गए हैं। एनडीए में कल तक के लिए दोस्त रहे लोजपा ने गठबंधन से अपने रास्ते जुदा कर लिए हैं।

बता दें कि बिहार अगर लोक जनशक्ति पार्टी के इतिहास को देखें तो वो ऐसे अजीबोगरीब फैसले लेने के जानी जाती है। 2005 में भी लोक जनशक्ति पार्टी ने ऐसा ही फैसला लिया था। लेकिन, उस समय सरकार गठन की चाबी खुद की जेब में होने का दावा करने वाली एलजेपी के कारण राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया था। गौरतलब है कि बिहार में तीन चरणों में 28 अक्टूबर, तीन नंवबर और सात नवंबर को मतदान होगा, जबकि 10 नवंबर को मतगणना होगी।

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