बिहार लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार देगी रेलवे, बीजेपी का दावा- 9 लाख लोगों को मिलेगी नौकरी

160 रेल परियोजनाओं की पहचान, 9 लाख प्रवासी मजदूरों को रोजगार देगी मोदी सरकार: भाजपा

पटना. भाजपा ने दावा किया है कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पूरी तरह प्रवासी मजदूरों के हित व रोजगार के लिए समर्पित है। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा है कि कोरोना संकट के कारण अपना काम-धंधा छोड़ कर गृह राज्यों में वापस आने वाले प्रवासी श्रमिकों को उनके घर के पास रोजगार दिलाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू किये गये गरीब कल्याण रोजगार अभियान में अब भारतीय रेलवे भी अपना योगदान देने वाली है।

पीएम मोदी द्वारा शुरू किये गये इस महत्वपूर्ण अभियान के तहत रेलवे द्वारा इन प्रवासी मजदूरों के लिए 125 दिनों का रोजगार सुनिश्चित किया जा रहा है। 1800 करोड़ की लागत से शुरू किये जाने वाली इस पहल के तहत 9 लाख से अधिक श्रमिकों को रोजगार दिया जाएगा। इसके लिए रेलवे ने 160 परियोजनाओं की पहचान की है, जिनमें रेलवे से जुड़े संपर्क मार्गों के मेन्टेनेंस, रेलवे क्रॉसिंग से जुड़े काम, वाटरबेस और ड्रेन की साफ-सफाई और निर्माण जैसे काम शामिल हैं।

रंजन ने कहा कि रेलवे द्वारा चलायी जा रही यह योजना देश के 116 जिलों में चलेगी। इसमें बिहार के सर्वाधिक 32 जिले शामिल हैं। यह वह जिले हैं जहां लॉकडाउन के समय सबसे अधिक श्रमिक वापस आए हैं। इस अभियान से न केवल लोगों को जीवन यापन का साधन मिलेगा, बल्कि उनके अनुभव और स्किल में भी बढ़ोतरी होगी। साथ ही इससे गांवों की आत्मनिर्भरता भी बढ़ेगी।

यह अभियान एक तरह से आपदा में अवसर के समान है। इससे न केवल लोगों को अपने गृह जिलों में रोजगार के अवसर मुहैया होंगे बल्कि इससे पलायन पर भी रोक लगेगी। इस अभियान का फायदा अधिक से अधिक लोगों तक जल्द से जल्द पहुंच सके, इसके लिए यह पूरा अभियान मिशन मोड में चलाया जाएगा। इस प्रयास का एक ही उद्देश्य है कि हमारे गांव और गरीब अपने दम पर खड़े हो सकें और हमारे किसी गरीब, मजदूर, किसान को किसी के सहारे की ज़रूरत ना पड़े।

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