BJP MLA ने पश्चाताप में मुंड़वाया सिर, फिर छोड़ दी पार्टी; मंदिर जाकर किया शुद्धिकरण यज्ञ

लंबे समय से बीजेपी (BJP) के नेता और त्रिपुरा (Tripura) के सूरमा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रहे आशीष दास (Ashis Das) ने मंगलवार को राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के “कुकर्मों के लिए पश्चाताप” में अपना सिर मुंड़वा लिया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के घर के नजदीक स्थित कोलकाता के प्रसिद्ध कालीघाट मंदिर में जाकर यज्ञ किया. उन्होंने पार्टी छोड़ने की भी घोषणा की.

उन्होंने त्रिपुरा की सत्ताधारी बीजेपी पर राज्य में ‘राजनीतिक अराजकता’ को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और कहा कि राज्यवासी राज्य सरकार के कामकाज और प्रदर्शन से नाखुश हैं, इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है.

आशीष दास पिछले दो साल से त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देव के घोर आलोचक रहे हैं. उन्होंने पहले भी ममता बनर्जी की तारीफ की थी और कहा था कि वह प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे ज्यादा योग्य हैं. ऐसी अटकलें हैं कि दास जल्द ही तृणमूल कांग्रेस में शामिल होंगे, जिसकी नजर त्रिपुरा चुनाव पर है. 2023 की शुरुआत में त्रिपुरा में विधान सभा चुनाव होने हैं.

आशीष दास ने कहा, “आज मैंने भाजपा सरकार के कुशासन के पश्चाताप के रूप में अपना सिर मुंडवा लिया है. मैंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है और मेरा अगला कदम समय तय करेगा लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाले शासन में त्रिपुरा में जिस तरह की अराजकता और कुशासन देखा गया है, उसने मुझे ऐसा करने को मजबूर किया है. इसलिए पिछले दो वर्षों से मैं इन सभी गलत कामों का आलोचक रहा हूं. मैं पार्टी और राजनीति से परे लोगों के लिए काम कर रहा हूं.”

इस बीच, त्रिपुरा भाजपा के सूत्रों ने एनडीटीवी को संकेत दिया है कि पार्टी दास के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी.कोलकाता में मीडिया से बात करते हुए, उत्तरी त्रिपुरा की सूरमा विधानसभा सीट से विधायक दास ने “अधिकांश सरकारी संपत्तियों को निजी पार्टियों को बेचने” के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की भी आलोचना की है.

उन्होंने कहा, “एक बार मोदी के संदेशों ने देश भर के सभी वर्गों के लोगों के मन में हलचल मचा दी थी और लोगों के मन को छू लिया था. मोदी ने कभी ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ कहा था लेकिन अब, यह देश में एक लोकप्रिय जुमला बन गया है.”

इससे पहले, दास ने भवानीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव जीतने के लिए ममता बनर्जी की बहुत प्रशंसा की थी और कहा था कि बहुत से लोग और संगठन बनर्जी को प्रधान मंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और इस पद पर उनका प्रमोशन बहुत महत्वपूर्ण होगा क्योंकि वह एक बंगाली हैं.

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