ब्रेस्ट कैंसर की वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल हुआ शुरू, सबसे खतरनाक स्टेज को किया जा सकेगा कंट्रोल

ब्रेस्ट कैंसर पर रोक लगाने के लिए अमेरिका के क्लीवलैंड क्लीनिक ने इसकी वैक्सीन के पहले चरण की वैक्सीन का ट्रायल शुरू कर दिया है। इस ट्रायल की मदद से इस कैंसर के सबसे खतरनाक प्रकार ट्रिपल निगेटिव ब्रेस्ट कैंसर को कंट्रोल किया जा सकेगा। अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से वैक्सीन ट्रायल का अप्रूवल मिलने के बाद क्लीवलैंड क्लीनिक वैक्सीन कंपनी एनिक्सा बायोसाइंस के साथ मिलकर काम कर रही है।

ट्रायल से पहले इस कैंसर से जूझने वाले 18 से 24 साल के मरीजों को यह वैक्सीन दी गई। इन मरीजों में ट्यूमर पूरी तरह से खत्म हो गए। इनमें दोबारा ट्यूमर होने का खतरा कितना है, इसे समझने के लिए नजर रखी जा रही है।

क्लीवलैंड क्लीनिक्स लर्नर रिसर्च इंस्टीट्यूट के इम्यूनोलॉजिस्ट और वैक्सीन तैयार करने वाले विंसेंट ट्यूओफी कहते हैं। इस नई वैक्सीन के जरिए ब्रेस्ट कैंसर की समस्या को रोका जा सकता है। 

ब्रेस्ट कैंसर के जितने भी मामले सामने आते हैं उनमें ज्यादातर मतलब 12 से 15 तक ट्रिपल-निगेटिव ब्रेस्ट कैंसर के मरीज होते हैं।

यह ब्रेस्ट कैंसर का सबसे सीरियस स्टेज होता है। जो ज्यादातर अफ्रीकन और अमेरिकन महिलाओं में दिखने को मिलते हैं इसलिए इसे कंट्रोल करना जरूरी है।

ट्रायल के पहले स्टेज में ट्रिपल-निगेटिव ब्रेस्ट कैंसर से जूझने वाले शुरुआती मरीजों को यह वैक्सीन देने का प्लान है।

कैंसर से लड़ने के लिए इनकी बॉडी में कितना इम्यून रिस्पॉन्स है, इसे समझने का प्रयास किया जाएगा।

पहले चरण के ट्रायल में मौजूद मरीजों को वैक्सीन की तीन बार डोज दी जाएगी। दो हफ्तों तक वैक्सीन के प्रभाव और साइड इफेक्ट पर निगरानी रखी जाएगी।

माना जा रहा है कि यह ट्रायल सिंतबर 2022 तक पूरा हो जाएगा।पहले इस वैक्सीन का ट्रायल चूहों पर किया गया था। जिसमें सामने आया कि वैक्सीन की वजह से इम्यून सिस्टम एक्टिवेट हुआ और ब्रेस्ट कैंसर के ट्यूमर को रोकने में मदद मिली।

नेचर मेडिसिस जर्नल में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार, यह वैक्सीन दूसरे ट्यूमर पर भी कारगर है। अगर पहला ह्यूमन ट्रायल सही रहता है तो यह बहुत बड़ी उपलब्धि साबित होगी।

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