दस साल बाद बिहार विधानसभा में बसपा का खाता बंद, जदयू को मिल गया नया मुस्लिम चेहरा

Patna: बिहार में बसपा के इकलौते विधायक जमां खान शुक्रवार को जदयू में शामिल हो गए। उन्होंने इस बाबत लिखित रूप जदयू के प्रदेश अध्यक्ष को पत्र लिखकर अपनी इच्छा बतायी थी। जदयू में शामिल होने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री आवास जाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भेंट की। जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी व शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी भी इस मौके पर मौजूद थे। वहीं, निर्दलीय विधायक सुमित सिंह ने लिखित रूप से जदयू के समर्थन का पत्र दिया है। जमां खान के जदयू में शामिल होने के बाद विधानसभा में जदयू विधायकों की संख्या 43 से बढ़कर 44 हो गयी है।

चैनपुर से विधायक हैं जमां खान

जमां खान कैमूर के चैनपुर से विधायक हैं। कई महीने से उनके जदयू में शामिल होने की बात चल रही थी। उन्होंने चुनाव जीतने के कुछ ही दिनों बाद जदयू के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह भी भेंट की थी। नीतीश कुमार के विकास कार्यों की तारीफ भी की थी। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दल में शामिल होकर आप आम जनता की समस्याओं का निदान सहजता से करा सकते हैैं। नीतीश कुमार की कार्यशैली को वह आरंभ से ही पसंद करते रहे हैैं।

पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के पुत्र ने दिया समर्थन

वहीं, जमुई के चकाई से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीते पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह के पुत्र सुमित सिंह ने भी जदयू को समर्थन देने का पत्र पार्टी को दिया है। उन्होंने आज प्रेस कांफ्रेंस कर इसकी जानकारी दी। सुमित ने कहा कि वह शुरू से ही नीतीश कुमार की कार्यशैली के प्रशंसक रहे हैं। जमां खान के जदयू में शामिल होने और सुमित सिंह के समर्थन के पत्र के बाद यह तय माना जा रहा कि निकट भविष्य में नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल विस्तार में इन दोनों को जगह मिलेगी। जदयू के पास फिलहाल कोई मुस्लिम विधायक नहीं है। इसलिए यह तय है कि अल्पसंख्यक कोटे से उन्हें मंत्री बनाया जाएगा। सुमित सिंह को भी मंत्री बनाए जाने की चर्चा तेज हो गयी है।

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