बस ड्राइवर का बेटा बना जज, 238 रैंक लाकर माँ-बाप के सपने को किया साकार, कहा- गरीबों को न्याय दिलाना है

बस चालक का बेटा बना जज, परिवार में मनीं खुशियां : कल्पना कीजिए कि जो बाप बस ड्राइवर हो और किसी तरह मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करता हो, उसे अगर पता चले कि उसका बेटा जज बन गया है तो वह कितना खुश हुआ होगा. हम आज आपको जिस लड़के की कहानी सुनाने जा रहे हैं उसके पिता बस ड्राइवर है और मां गृहणी है. बेटे नहीं पीसीएस की परीक्षा में सफलता का परचम लहराया है. रिजल्ट निकलने के बाद से ही उनके घर पर खुशियों का माहौल है. बधाई देने वालों का तांता लगा है. माता-पिता ख़ुशी से मिठाइयां बांट रहे हैं.

न्यायिक सेवा सिविल जज जूनियर डिवीजन की परीक्षा में बस चालक के बेटे पुष्पेंद्र कुमार गौतम ने सफलता पाई है। पुष्पेंद्र ने इस परीक्षा में 238वीं रैंक प्राप्त की है। उनकी इस उपलब्धि पर परिवार में खुशी है। अधिवक्ता की पुत्री खुशबू धनकड़ ने इस परीक्षा में 145वीं रैंक हासिल की है।

जहांगीराबाद के मोहल्ला जटियान के मूल निवासी इलाहाबाद में परिवहन विभाग में कार्यरत बस चालक दुर्गा प्रसाद के तीन बेटे व एक बेटी है। इससे पूर्व पुष्पेंद्र का चयन एपीओ (सहायक अभियोजन अधिकारी) के पद पर हुआ था लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई निरंतर जारी रखते हुए इस पद पर तैनाती नहीं ली। उनकी प्रारंभिक शिक्षा नगर के एक प्राइमरी स्कूल से पूर्ण की। पिता के चालक के पद पर प्रयागराज ट्रांसफर होने के बाद एलएलएम तक की शिक्षा इलाहाबाद से पूरी की। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, भाई-बहन और गुरुजनों को दिया।

पुष्पेंद्र ने कहा कि पहले यह तय करें आप बनना क्या चाहते हैं, फिर उस लक्ष्य को पाने के लिए हर संभव कोशिश करें। आपको सपने में भी आपका लक्ष्य दिखाई देना चाहिए, जिस दिन आपका लक्ष्य आपके सपने में आ गया, उस दिन समझ लीजिए आप जरूर कामयाब होंगे। पुष्पेंद्र प्रतिदिन 10 से 12 घंटे पढ़ाई करते थे। इसके अलावा कोचिंग जाते थे। वहां से लौटने के बाद यू-ट्यूब पर न्यायिक सेवा से संबंधित वीडियो देखकर जानकारियां जुटाते थे। उन्होंने तैयारी करने वाले युवाओं से कहा कि एक या दो बार परीक्षा में असफल होने से अपने लक्ष्य से भटकें नहीं, लगातार प्रयास करते रहें, आपको सफलता जरूर मिलेगी।

जज बनीं खुशबू की कामयाबी पर नाज
नगर के प्रीत विहार कालोनी निवासी अधिवक्ता वीरेंद्र सिंह धनकड़ की बेटी खुशबू ने न्यायिक सेवा में 145वीं रैंक प्राप्त की है। खुशबू की इस कामयाबी पर परिवार के लोगों को नाज है। खुशबू ने बताया कि उन्होंने एलएलबी गौतमबुद्धनगर और एलएलएम जामिया दिल्ली से प्रथम श्रेणी से पास की। इसके बाद मध्य प्रदेश व दिल्ली से जज बनने के लिए परीक्षा दी लेकिन वहां साक्षात्कार से बाहर हो गईं। उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत के बाद इस बार सफलता मिल गई। उन्होंने बताया मां शोभा गर्ग गृहिणी हैं।

असफलता से हारना नहीं चाहिए। मैंने इससे पहले दो बार परीक्षा दी लेकिन सफल नहीं हो पाई। इसके बाद और ज्यादा मेहनत की और लक्ष्य को प्राप्त किया। मुझे लगा कि कोई भी लक्ष्य छोटा नहीं होता है, उसे छोटा बनाने के लिए मेहनत और तपस्या करनी पड़ती है। उसके बाद यू-ट्यूब पर ज्यादा से ज्यादा न्यायिक सेवा के कंटेंट देखती थी। उस पर काम करती थी। उनके नोट्स तैयारी करती थी। उसके बाद लक्ष्य आसान हो गया।

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