मुजफ्फरपुर में बने पीतल केे सूप से अर्घ्य देंगी कनाडा में रह रहीं वंदिता, कोरोना के कारण बदले हालात

मुजफ्फरपुर से अपने साथ ले गए पीतल के सूप से इस बार वंदिता सिन्हा कनाडा में छठी मैया को अर्घ्य देंगी। एमडीडीएम कॉलेज से पढ़ी वंदिता कनाडा के टोरंटो में रहती हैं। बताया कि इस वर्ष वहां गुजराती दुकान में बांस के सूप नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में वह पिछली दफा मुजफ्फरपुर से साथ ले गई पीतल के सूप से और जिनके पास सूप नहीं है, वे थाली में ही अर्घ्य देंगी। बताया कि टोरंटो में बिहारियों की संख्या अच्छी-साखी है। यहां छठ धूमधाम से मनाते हैं।

कोरोना संकट के कारण संपूर्ण लॉकडाउन है। कोई किसी के घर नहीं जा रहा है। ऐसे में वे प्रसाद घर के बाहर रख देंगी। सभी के लिए समय फिक्स कर उसका वितरण करेंगी। बताया कि पूर्व के वर्षों में धूमधाम से छठी मैया का व्रत करते थे। सामूहिक रूप से सभी की जिम्मेदारी तय कर दी जाती थी। सभी मिल-जुल कर त्योहार में शामिल होते थे। उन्हें खुद भी छठ के गाने याद हैं। टब से लेकर स्विमिंग पूल में पानी भर कर लोग भगवान भास्कर की अराधना करते हैं। यहां फिलहाल शून्य से 4 डिग्री कम तापमान है। 10 वर्षों से लगातार छठ कर रही हैं। कभी ऐसा नहीं लगता है कि वे अपनों के बीच नहीं हैं।

…और यहां कोरोना के कारण अबकी छठ में कोसी नहीं भर पाएंगी बोस्टन में नमिता
एमडीडीएम कॉलेज से पढ़ी और शहर से जुड़ी बोस्टन में रहने वाली नमिता 10 वर्षों से लगातार छठ कर रही हैं। छठी मैया की महिमा को अपरंपार बताते हुए कहती हैं कि कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष वहां कोसी नहीं भरा जाएगा। लेकिन, अर्घ्य देंगी। बताया कि पिछले वर्ष छठ पूजा के दिन मूसलाधार वर्षा हो रही थी। अर्घ्य देने से आधे घंटे पूर्व धूप खिल गई। उनकी बहन अनीता हर वर्ष फ्लोरिडा से बोस्टन पहुंचती हैं। सभी मिल कर पर्व मनाते हैं। कोरोना संकट के कारण इस वर्ष बहन नहीं आएंगी। सारी तैयारी उन्हें खुद ही करनी है। छठ पूजा के वक्त एक अलौकिक शक्ति आ जाती है। ऐसा एहसास होता है। बताया कि न्यू जर्सी की एक दुकान से बात कर उन्होंने छठ पूजा में इस्तेमाल होने वाले सभी समानों की सूची मंगवा ली है। बताया कि वे टब में पानी भरकर छठी मैया को अर्घ्य देती हैं। बताया कि परिस्थिति चाहे जैसी हो छठी मैया ही बेरा बार लगाएंगी।

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