अंधविश्वास : कोरोना को बना दिया देवी, व्रत कथा वायरल, सोमवार-शुक्रवार को विशेष पूजा करने से लाभ

कोरोना महामारी के बढ़ते कहर के बीच राज्य के अलग-अलग जिलों से अंधविश्वास की खबरें भी सामने आ रही हैं। कोराेना को लोगों ने देवी मानकर उसकी पूजा भी शुरू कर दी है। शुक्रवार को ज्येष्ठ पूर्णिमा थी। इस मौके पर महिलाएं कोरोना देवी की पूजा करने पहुंच गई। नौ लड्‌डू, नौ लौंग का भोग लगाया और कहा कि कोरोना माई की नाराजगी से ही महामारी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। उन्हें प्रसन्न करने के लिए ही पूजा कर रही हैं ताकि उनका गुस्सा कम हो जाए और वे हमसब पर कृपा कर वापस चली जाएं। यह तस्वीर बक्सर की है।

कोरोना को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति कह चुके हैं कि यह महामारी चीन की देन है। आज इस महामारी से दुनिया भर के तमाम देश जूझ रहे हैं। चिकित्सा विज्ञानी इसके उपचार के लिए टीका की खोज कर रहे हैं वहीं भारत में आकर इस बीमारी को देवी का रूप मिल गया है। बीते दिनों बिहार का विडियो सामने आया था जिसमें महिला कोरोना माता की पूजा कर रही थीं। अब इस बीमारी ने अंधविश्वास का ऐसा रंग ले लिया है कि हरियाणा में रहने वाले बिहार के यूपी की कई महिलाएं भी कोराना माता की पूजा करने लगी हैं।

कोरोना माई पूजा का दिन : आपको जानकर हैरानी होगी कि अंधविश्वास ने कोरोना माता की कहानी भी गढ़ ली है। इतना ही नहीं कोरोना माता की पूजा विधि और इनका दिन भी निर्धारित हो चुका है। लोगों का मत है कि कोरोना माता की पूजा शुक्रवार और सोमवार को की जानी चाहिए। इसी मान्यता के कारण फरीदाबाद के बसंतपुर कालोनी में सुबह-सुबह कई महिलाएं यमुना तट पर पहुंच गईं।

कोरोना की पूजा में 9 का कनेक्शन : यमुना में स्नान करके महिलाओं ने करोना मैय्या की पूजा की। पूजा में नियम है कि कोरोना माता को 9 की संख्या में मिठाई, फूल, अगरबत्ती चढ़ाना होता है। अब 9 संख्या क्यों है यह भी जान लीजिए। कोविड 19 के अंत में 9 होने की वजह से इस संख्या को प्रमुखता दी गई है। अब इसके पीछे जो कहानी है वह भी जान लीजिए।

कोरोना माई की कथा : ऐसी दंत कथा उड़ाई जा रही है कि, एक खेत में गाय चर रही थी वहीं कुछ महिलाएं भी थीं। अचानक वह गाय एक बूढ़ी महिला में बदल गई। महिलाएं यह देखकर भागने लगीं। उस बूढ़ी औरत ने कहा कि वह डरे नहीं वह कोरोना माई हैं। जो उनकी पूजा करेगा उसके परिवार को कोरोना के कारण रोना नहीं पड़ेगा।इसी डर की कहानी ने एक महामारी को देवी बना दिया है। जबकि सच यह है कि कोरोना से अभी बचाव ही एक मात्र उपाय है। अंधविश्वास के चक्कर में ना फंसे।

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