25 मार्च को कलश स्थापन, चैत्र नवरात्र में एक बार फिर दर्शन देने घर-घर आएँगी माँ दुर्गा

25 मार्च से शुरू होगा हिंदी नववर्ष विक्रम संवत् 2077, चैत्र नवरात्र और गुड़ी पड़वा भी

New Delhi : हिन्दी पंचांग का पहला माह चैत्र 10 मार्च को होलीष्टक के साथ ही शुरू हो गया है। इस माह में कई महत्वपूर्ण पर्वआएंगे। 25 मार्च को हिन्दी नववर्ष विक्रम संवत् 2077 शुरू होगा। चैत्र माह की नवरात्रि भी इसी दिन यानी 25 मार्च से मनाई जाएगी।

बुधवार, 10 मार्च से चैत्र माह शुरू हुआ है। होलाष्टक खत्म हो गए हैं। अब मांगलिक कर्म शुरू हो जाएंगे। गुरुवार, 12 मार्च को गणेशचतुर्थी है। इस दिन भगवान गणेश के लिए विशेष पूजा–पाठ करें और व्रत करें। शनिवार, 14 मार्च को रंग पंचमी है। इसी दिन सूर्य मीनराशि में प्रवेश करेगा, इस वजह से खरमास शुरू होगा। खरमास में मांगलिक कर्म करने से बचने की सलाह दी जाती है। इस संबंध मेंमान्यता है कि सूर्यदेव देवताओं के गुरु बृहस्पति की सेवा में रहते हैं।

मंगलवार, 17 मार्च को शीतलाष्टमी है। इस दिन ठंडा भोजन करने की परंपरा है। शीतला माता की विशेष पूजा की जाती है। शुक्रवार, 20 मार्च को चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी है। इसे पापमोचनी एकादशी है। मंगलवार, 24 मार्च को चैत्र मास की अमावस्या है। इस दिन पितरों के लिए विशेष धूप–ध्यान करने की परंपरा है। पवित्र नदियों में स्नानकरें और दान–पुण्य करें।

बुधवार, 25 मार्च से चैत्र मास की नवरात्रि शुरू हो जाएगी। बुधवार को घट स्थापना होगी। इसी दिन गुड़ी पड़वा मनाई जाती है। नवरात्रिमें देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इसी दिन से विक्रम संवत् 2077 शुरू होगा। शुक्रवार, 27 मार्च को गणगौर तीज है। इस दिन देवी पार्वती के लिए व्रत–उपवास किया जाता है। शनिवार, 28 मार्च को विनायकीचतुर्थी है। शनिवार को गणेशजी के साथ ही शनिदेव का भी विशेष पूजन करें।

बुधवार, 1 अप्रैल को दुर्गाष्टमी है। इस दिन कुलदेवी की विशेष पूजा की जाती है। गुरुवार, 2 अप्रैल को श्रीराम नवमी है। इस तिथि परश्रीराम का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस दिन श्रीरामचरित मानस की जयंती भी मनाई जाती है। शनिवार, 4 अप्रैल को कामदा एकादशी है। इस दिन भगवान विष्णु के लिए व्रत रखा जाता है। विष्णुजी के अवतारों की आराधना कीजाती है। सोमवार, 6 अप्रैल को महावीर जयंती मनाई जाएगी। बुधवार, 8 अप्रैल को हनुमानजी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस दिनसुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिये।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *