10 जनवरी को लगेगा साल का पहला चन्द्र ग्रहण, पति-पत्नी का संबंध बनाना है वर्जित

10 या 11 जनवरी कब लग रहा है चंद्र ग्रहण? जानिए इस ग्रहण की पूरी डिटेल यहां

Chandra Grahan (Lunar Eclipse) In India Date And Time, Sutak Time: साल 2020 का पहला ग्रहण जनवरी में ही लगने जा रहा है। ये चंद्र ग्रहण होगा जो 10 जनवरी की रात से शुरू होकर 11 जनवरी तक रहेगा। खास बात ये है कि ये ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा। इसके अलावा साल में 3 और चंद्रग्रहण लगेंगे और 2 सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2020) भी होंगे। यानी कि कुल मिलाकर 6 ग्रहण साल 2020 में लगने वाले हैं। इस चंद्रग्रहण का नजारा भारत के अलावा अफ्रीका, एशिया, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में भी देखा जा सकेगा।

ग्रहण प्रारंभ- 10 जनवरी 2020 को रात 10.39 बजे से,
ग्रहण समाप्ति- 11 जनवरी 2020 की मध्यरात्रि 2.20 बजे तक,
कुल अवधि- करीब 4 घंटे। कहां दिखेगा- भारत, यूरोप, अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया।सूतक प्रारंभ- 10 जनवरी को दोपहर 1:39 बजे से सूतक समाप्त- 11 जनवरी मध्यरात्रि 2.20 बजे पर

किस राशि और नक्षत्र पर लगेगा चंद्र ग्रहण: इस बार का चंद्र ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा मिथुन राशि में होगा और नक्षत्र पूर्नवसु रहेगा। ज्योतिष अनुसार ग्रहण जिस राशि और नक्षत्र पर लगता है उन राशि और नक्षत्र में जन्मे लोगों पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है। इस कारण मिथुन राशि और पूर्नवसु नक्षत्र के लोगों को चंद्र ग्रहण के समय विशेष ध्यान देने की जरूरत पड़ेगी। बेवजह की परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं।

सूतक काल: साल का पहला चंद्र ग्रहण करीब 4 घंटे के लिए लग रहा है। भारत में इस ग्रहण के दिखाई देने की वजह से यहां सूतक काल के नियमों का पालन भी होगा। सूतक काल ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले शुरू हो जायेगा। धार्मिक मान्यताओं अनुसार सूतक में किसी भी तरह के शुभ काम नहीं किये जाते। यहां तक कि कई मंदिरों के कपाट भी सूतक के समय में बंद कर दिये जाते हैं। जानिए चंद्र ग्रहण के सूतक काल में क्या बरतें सावधानी…

– सूतक के दौरान किसी भी सुनसान जगह (कब्रिस्तान, श्मसान घाट) के पास बिल्कुल न जाएं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दौरान नकारात्मक शक्तियां हावी होती हैं।– खासकर गर्भवती महिलाओं को सूतक काल के दौरान विशेष ध्यान रखना होता है। चंद्र ग्रहण का सूतक प्रारंभ होते ही घर से नहीं निकलें। अगर बाहर जाना जरूरी है तो अपने गर्भ पर चंदन और तुलसी के पत्तों का लेप लगाकर निकलें।

– सूतक काल के दौरन भोजन नहीं किया जाता। ये नियम बीमार व्यक्ति, बच्चों, बुढ़े लोगों पर मान्य नहीं है। गर्भवती महिलाएं भी भूख लगने पर फलों का सेवन कर सकती हैं।

– ग्रहण के समय और सूतक काल प्रारंभ होते ही भगवान की मूर्तियों को स्पर्श नहीं करना चाहिए। लेकिन आप चाहें तो अपने ईष्ट देव के मंत्रों का या किसी भी मंत्र का मन ही मन जाप कर सकते हैं।

– सूतक काल के दौरन शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए। इसका अशुभ प्रभाव पड़ता है।– सूतक काल के दौरान कैंची, चाकू या किसी भी तरह की धारदार चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए खासकर गर्भवती महिलाओं को।

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