छठ में सेब हुआ सस्ता, आंध्र प्रदेश से आ रहा केला, पूजन सामग्री को ऑनलाइन बेच रहे युवा

छठ एक परंपरा है। इस परंपरा का निर्वहन करने के लिए महिला हो या पुरुष सदियों से छठ का व्रत करते आ रहे हैं। सिमटते परिवार की वजह से छठ पूजा में इस्तेमाल होने वाले सामान की जानकारी कई व्रतियों को नहीं होती है। खासकर दूर-दराज में रहने वाले छठ व्रतियों को छठ में इस्तेमाल होने वाले लकड़ी, सूप, दऊरा, फल, फूल से लेकर चना, उरद का बरी, पापड़ से लेकर सारे सामान लाने की चुनौती होती है।

युवाओं की टोली ऑनलाइन डिलीवरी कर छठ व्रतियों को राहत पहुंचा रही है। फेसबुक, वाट्सएप, कॉल और वेबसाइट के माध्यम से छठ का प्रसाद बनाने से अर्घ्य देने के सामान पहुंचाने में जुटे हैं। केशव झा, राजेश झा और प्रियांशु झा तीनों भाई मिलकर पूजा पाठ के सामान की ऑनलाइन डिलीवरी करते हैं। केशव बताते हैं छठ को दूरदराज और एकल परिवार के लोगों का अधिक ऑर्डर आता है। पांच युवाओं की टीम है। मार्केट से कम कीमत पर व्रतियों को छठ का सामान पहुंचा देते हैं। अब तक 20 से अधिक व्रतियों के लिए पूजा का सामान पहुंचा चुके हैं। 12 ऑर्डर अभी हैं। खरना के दिन डिलीवरी देनी है। पूजा के सामान खरीदने से लेकर ऑर्डर लेने का डिलीवरी के लिए चेन बनी है। केशव 24 साल के हैं। वे बताते हैं कि बचपन से ही पूजा पाठ में जाने का मौका मिलता था। पूजा-पाठ में कुछ न कुछ सामान घट ही जाता था। पूजा के समय ही कई सामान मंगवाते थे। पिता प्रभाकर झा से पूजा पाठ के बारे में बहुत कुछ जाना। पढ़ाई के बाद नौकरी करने का मौका मिला। लेकिन उसने उद्यमी बनने का फैसला लिया।


दोपहर के एक बजे हैं। बहादुर बाजार समिति में हजारों लोग फलों की खरीदारी में व्यस्त हैं। सेव मंडी, केला मंडी, अनार मंडी में ग्राहक खरीदारी में मशगूल दिखे। केला मंडी में ग्राहकों को 200 रुपए से 350 रुपए प्रति घौद केला बिका। मंडी में अदरक, ईख, शरीफा, संतरा, अनार समेत अन्य फलों की बिक्री सुबह से देर शाम तक हो रही है। ग्राहकों की भीड़ को देखते हुए कई फल विक्रेताओं की रात मंडी में ही गुजर रही है। उधर, ज्वेलरी व बर्तन बाजार में भी लोगों ने गुरुवार को खूब खरीदारी की। बाकरगंज सर्राफा मंडी व बर्तन बाजार में भी रौनक दिखी। छठ में सोने एवं चांदी के सूप और दीए की डिमांड बढ़ी है।

महापर्व छठ करने वाले व्रतियों को इस बार सेव की बढ़ी कीमतों से निजात मिल गई है। पांच दिन पहले तक खुदरा में 100 से 130 रुपए किलो बिकने वाला सेव अब 100 रुपए के नीचे आ गया है। वहीं, काफी मात्रा में दूसरे राज्यों से केला की आवक बढ़ने से इसके दाम भी सस्ते हुए हैं। बाकी फलों की आवक भी पर्याप्त होने से गुरुवार को कृषि उत्पादन बाजार समिति मुसल्लहपुर में सुबह से शाम तक छठ पर फलों का बाजार गुलजार रहा।

पटना फ्रूट एसोसिएशन मुसल्लहपुर के महासचिव व सेव कारोबारी शशिकांत प्रसाद ने बताया कि छठ को लेकर पर्याप्त मात्रा में कशमीर से सेव की आवक हुई है। काफी मात्रा में चंडीगढ़ से भी सेव की आवक है। इससे सेव के दाम भी कम हुए हैं। केला के थोक कारोबारी वरूण कुमार ने बताया कि छठ को लेकर मंडी में रोजाना करीब 150 ट्रक केला की खपत हो रही है। सबसे अधिक केला आंध्रप्रदेश से आ रहा है। यहां से 100 से 120 ट्रक केला पहुंच रहा है। इसके बाद बिहार के किशनगंज और बंगाल के चंदनपुर से 25-25 गाड़ी केला आ रहा है। हाजीपुर का केला इस बार नहीं के बराबर है। वहीं, छठ के महाप्रसाद में इस्तेमाल आने वाली चीजें भी मंडी में पहुंच रही हैं। पूर्णिया व बंगाल के सिलीगुडी से सुथनी व शकरकंद पहुंच रहा है तो झारखंड के रांची, गुमला व लोहरदगा से शरीफा पहुंच रहा है। हाजीपुर व समस्तीपुर से हल्दी आ रही है तो इलाहाबाद व कोलकाता से अमरूद की आवक हो रही है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *