सरकारी स्कूल में छत के नीचे छाता लेकर बैठते हैं बच्चे, जान जोखिम में डालकर करते हैं पढ़ाई

पूर्वी सिंहभूम. झारखंड के (Jharkhand) घाटशिला (Ghatshila) के गुडाबांधा प्रखंड के मुड़ाठाकरा उत्क्रमित उच्च विद्यालय (School) के बच्चों को बरसात होने (Rain) पर छाता खोल कर पढ़ाई करनी पढ़ती है. बदहाल स्कूल भवन का हाल यह है कि बरसात में छत से पानी टपकता रहता है, जिससे बच्चों को क्लास के अंदर ही छाता खोल कर पढ़ना पड़ता है. बच्चों के एक हाथ में छाता तो दूसरे हाथ में किताब होती है. जब तक बरसात होती है तब तक बच्चों को छाता खोल कर इसी तरह से पढ़ाई करनी पड़ती है. यह हाल स्कूल का आज से नहीं बल्कि बीते तीन वर्षों से है, लेकिन अभी तक किसी अधिकारी या प्रशासन ने यहां की सुध नहीं ली है. बरसात में क्लास की छत से पानी टपकने के कारण हाथ में छाता लेकर पहुंचे स्टूडेंटबरसात में क्लास की छत से पानी टपकने के कारण हाथ में छाता लेकर पहुंचे स्टूडेंट

मामला जिले के गुडाबांधा प्रखंड का है, जहां बारिश ने शिक्षा विभाग (Education Department) के सारे दावों की पोल खोल दी है. गुडाबांधा में मौजूद मुड़ाठाकरा उत्क्रमित उच्च विद्यालय के जर्जर भवन में एक नहीं बल्कि कई समस्याएं देखने को मिली हैं. स्कूलों की हालत इतनी जर्जर हैं कि छात्र जान जोखिम में डालकर यहां पढ़ने को मजबूर हैं. यहां की छत और दीवारों की हालत बेहद खस्ता है. क्लास रूम भी ऐसा है जहां छत से पानी ऐसे टपकता है मानो बारिश हो रही है. इस सरकारी विद्यालय में कुल सात कमरे हैं, जिसमें दसवीं तक की पढ़ाई होती है. एक से कक्षा छह तक जिन कमरों में पढ़ाई होती है उनकी स्थिति काफी जर्जर है. बरसात के दिनों में एक दिन बारिश होने पर एक सप्ताह तक लगातार पानी रिसता रहता है. स्कूल के भवन में खिड़की, दरवाजे तक टूटे हुए हैं. कहीं-कहीं तो पूरी खिड़की के दरवाजों को दीमक खा चुकी है. इतना ही नहीं बारिश के दिनों में करंट न फैले इसलिए क्लास रूम में बिजली की सप्लाई काट दी जाती है.

इस विद्यालय में 203 विद्यार्थियों के लिए कुल 10 शिक्षक हैं. स्कूल के प्रिंसिपल बताते है कि प्रत्येक महीने मीटिंग में विधायक-सांसद समेत विभाग को स्कूल के जर्जर भवन के मामले से अवगत कराया जाता है, लेकिन अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. वहीं गुडाबांधा प्रखंड की बीडीओ सीमा कुमारी ने कहा कि जर्जर भवन के बारे में उन्हें अवगत कराया गया है. इससे पहले भी प्रधानाध्यापक को मरम्मत के लिए कहा गया था, लेकिन सही तरीके से मरम्मत नहीं किए जाने के कारण यह समस्या बनी हुई है. उन्होंने कहा कि समस्या को लेकर संबंधित विभाग को सूचित कर दिया गया और जल्द ही इसके समाधान की पहल की जाएगी.

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