चीन से आए 63,000 लोगों को भारत ने समुद्र में रोका, बंदरगाहों के पास खडे़ हैं 20,000 जहाज

कोरोना वैश्विक म’हामारी पर नियंत्रण हासिल करने के लिए पिछले तीन महीनों में दूसरे देशों से आए करीब 20 हजार जहाजों पर सवार चालक दल के सदस्यों और यात्रियों को भारतीय बंदरगाहों पर अब तक नहीं उतरने दिया गया है। इन जहाजों में यात्रियों और चालक दल के सदस्यों समेत करीब 63 हजार लोग सवार हैं। नौवहन मंत्रालय के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 27 जनवरी से 30 अप्रैल तक भारतीय बंदरगाहों पर बाहर से करीब 1,990 जहाजों ने लंगर डाला है। इनें से अधिकांश जहाज चीन से आए हैं।

अधिकारी ने कहा कि कुल 62,948 चालक दल और यात्री लगभग 1,990 जहाजों पर सवार होकर भारत पहुंचे हैं, जिनमें से ज्यादातर चीन से आए हैं। इन सभी की डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के निर्देशों के अनुसार थर्मल स्कैनिंग की गई है। कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए लागू प्रोटोकॉल के तहत इन लोगों को तटीय पास या दैनिक पास जारी नहीं किए गए हैं। इसके साथ ही आयात-निर्यात के कार्गो को सावधानी से चढ़ाया-उतारा गया है।

भारत में 12 प्रमुख बंदरगाह हैं, इनमें दीनदयाल (पुराना नाम कांडला), मुंबई, जेएनपीटी, मोरमुगांव, न्यू मंगलौर, कोचिन, चेन्नई, कामराजार (पुराना नाम एन्नोर), वी ओ चिदंबरनार, विशाखापत्तनम, पारादीप और कोलकाता (हल्दिया सहित) शामिल हैं। इन बंदरगाहों ने 2019-20 में लगभग 70.5 करोड़ टन (MT) कार्गो को चढ़ाया-उतारा।

नौवहन मंत्रालय ने बंदरगाहों का सुचारू संचालन बनाए रखने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें किराये में छूट देना शामिल है। सरकार ने सभी प्रमुख बंदरगाहों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि किसी भी उपयोगकर्ता (व्यापारी, शिपिंग लाइन, कंसेसनरीज, लाइसेंसी आदि) से कोई जुर्माना, शुल्क, किराया आदि नहीं लिया जाए।

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