12 साल की कड़ी मेहनत का नतीजा, जानिए चेनाब नदी पर कैसे बना दुनिया का सबसे ऊंचा चिनाब ब्रिज

By Rajveer

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चिनाब ब्रिज

चिनाब ब्रिज, जो जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर स्थित है, इंजीनियरिंग का एक अद्वितीय उदाहरण है। यह पुल 359 मीटर (1,178 फीट) की ऊँचाई के साथ दुनिया का सबसे ऊँचा रेलवे पुल है, जो एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊँचा है ।

इस पुल का निर्माण 12 वर्षों की कठिन मेहनत और समर्पण का परिणाम है। कॉनकण रेलवे के मुख्य इंजीनियर एल प्रकाश ने बताया कि प्रारंभ में इस क्षेत्र में कोई सड़क नहीं थी। इंजीनियरों को चट्टानों को तोड़कर रास्ते बनाने पड़े, सुरंगें खोदी गईं, और भूस्खलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा। कई बार उन्हें सुरंगों को छोड़कर नई जगहों पर काम शुरू करना पड़ा। स्थानीय निवासियों की मदद से यह कार्य संभव हो सका, जिन्होंने रस्सियों से बंधकर खड़ी चट्टानों पर चढ़कर सर्वेक्षण में मदद की।

डॉ. माधवी लता, जो भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) की प्रोफेसर हैं, ने इस परियोजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने 2005 में इस पुल के लिए पहला सर्वेक्षण किया और 17 वर्षों तक इस परियोजना पर काम किया। उनकी मेहनत और समर्पण ने इस पुल के निर्माण को संभव बनाया ।

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चिनाब ब्रिज की संरचना में 30,000 टन स्टील और 46,000 क्यूबिक मीटर कंक्रीट का उपयोग किया गया है। यह पुल भूकंप, बम विस्फोट, और 266 किमी/घंटा तक की हवाओं का सामना करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसकी आयु लगभग 120 वर्ष अनुमानित की गई है ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पुल का उद्घाटन करते हुए इसे राष्ट्रीय एकता और भारतीय इंजीनियरिंग की शक्ति का प्रतीक बताया। यह पुल कश्मीर घाटी को भारतीय रेलवे नेटवर्क से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे क्षेत्रीय विकास और कनेक्टिविटी में सुधार होगा।

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निष्कर्ष

चिनाब ब्रिज सिर्फ़ एक पुल नहीं है, बल्कि भारतीय इंजीनियरिंग कौशल, दृढ़ संकल्प और 12 साल की अथक मेहनत का प्रतीक है। दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज के रूप में, यह न केवल तकनीकी उत्कृष्टता को दर्शाता है, बल्कि अनगिनत इंजीनियरों, वैज्ञानिकों और मजदूरों की कड़ी मेहनत की कहानी भी बताता है, जिन्होंने इस सपने को साकार करने के लिए कठिन इलाकों, मौसम और प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया। यह पुल जम्मू-कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है, जो भविष्य में क्षेत्रीय विकास, पर्यटन और रोजगार के नए दरवाजे खोल रहा है। चिनाब ब्रिज भारतीय आत्मनिर्भरता और नवाचार का एक जीवंत उदाहरण है – एक ऐसा निर्माण जिसे आने वाली पीढ़ियाँ गर्व के साथ देखेंगी।