चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र चुनाव में BJP IT CELL को सौंपी थी सोशल मीडिया की जिम्मेदारी, निष्पक्षता से नीलाम किया देश का लोकतंत्र

@प्रियांशु

देश में स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव कराने का दावा करने वाले चुनाव आयोग अब पक्षपात और डेटा लीक के अहम सवालों और गंभीर आरोपों से घिरता दिख रहा है. पिछले कुछ सालों से विपक्ष की ओर से लगातार आरोप लगते रहे हैं कि देश की तमाम संवैधानिक संस्थाओं ने सरकार के आगे घुटने टेक दिये हैं या बीजेपी के लिए काम करने लगी हैं, लेकिन अब यह आरोप ही नहीं रहा। महाराष्ट्र से इस संबंध में एक बेहद चौंकाने वाली ख़बर आयी है।

चुनाव आयोग ने बीजेपी को दिया सोसल मीडिया प्लेटफॉर्म

चुनाव आयोग पर आरोप है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान आयोग के सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स की देखरेख करने का जिम्मा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता और आईटी सेल को दिया गया था यानी आयोग के पास मौजूद डेटा तक किसी ऐसी निजी कंपनी की पहुंच थी जो साफ और घोषित तौर पर राज्य की तत्कालीन सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़ी हुई थी.

धांधली का पर्दाफाश किया है पत्रकार साकेत गोखले ने

पत्रकार और RTI एक्टिविस्ट साकेत गोखले ने इस बड़ी धांधली को पकड़ा है। साकेत गोखले को इस धांधली का पता तब चला, जब वे महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के द्वारा जारी विज्ञापनों को खंगाल रहे थे। सभी विज्ञापनों में एक ही पता था- 202, प्रेसमेन हाउस, विले पारले, मुम्बई।

यह पता एक विज्ञापन एजेंसी साइनपोस्ट इंडिया का है। लेकिन इसी पते का इस्तेमाल एक डिजिटल एजेंसी सोशल सेंट्रल भी करती है। सोशल सेंट्रल का मुखिया और संस्थापक बीजेपी युवा मोर्चा का राष्ट्रीय संयोजक (IT और सोशल मीडिया) देवांग दवे है।

साकेत इस सिलसिले में खुलकर सामने आए और एक के बाद धराधर कई ट्वीट किये।

साकेत गोखले ने ट्वीट कर लिखा, ‘यह बहुत आश्चर्यजनक है कि बीजेपी की आईटी सेल से सम्बन्ध रखने वाले व्यक्ति को चुनाव आयोग ने अपने सोशल मीडिया का काम दिया। एक ऐसे शख्स को जो उस समय महाराष्ट्र चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का मीडिया संभाल रहा था।’ उन्होंने ट्वीट कर पूछा, “आखिर क्यों एक व्यक्ति को महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय का सोशल मीडिया अकाउंट हैंडल करने दिया गया जो बीजेपी आईटी सेल का सदस्य था?”

गोखले के मुताबिक 202, प्रेसमैन हाउस, विले पार्ले, मुंबई पता है एक डिजिटल एजेंसी सोशल सेंट्रल का जिसके संचालक हैं देंवाग दवे जो बीजेपी युवा मोर्चा के आईटी और सोशल मीडिया के राष्ट्रीय संयोजक हैं।

यही नहीं, देवांग दवे ऐसी कई और वेबसाइटों के संस्थापक हैं जो बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रचार के लिए बनी हैं।

गोखले के इस रहस्योद्घाटन से हड़कंप मच गया है। चुनाव आयोग ने इसकी जाँच के आदेश दे दिये हैं। साकेत गोखले ने इसे एक बड़ी जीत बताते हुए कहा है कि यह बताता है कि संस्थानों को बचाने के लिए हमारा बोलना कितना जरूरी है। सवाल ये है कि किसी एजेंसी को हायर करते समय बैकग्राउंड चेक क्यों नहीं की गयी और इलेक्शन कमीशन का कितना डाटा बीजेपी आईटी सेल के पास पहुँच गया है?

महाराष्ट्र चुनाव आयोग से मांगी गई रिपोर्ट

चुनाव आयोग ने साकेत गोखले के महाराष्ट्र चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोपों को लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है.

चुनाव आयोग की प्रवक्ता, शेफाली शरण ने ट्वीट कर जानकारी दी कि इस मामले में महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से रिपोर्ट मांगी गई है.

‘I Support Narendra Modi’ पेज चलाते है देवांग दवे ?

आपको बता दें कि सोशल सेंट्रल ने भी अपनी वेबसाइट पर अपने क्लाइन्ट्स की लिस्ट में महाराष्ट्र चुनाव आयोग और महाराष्ट्र शासन लिखा है। देवांग दवे फीयरलेस इंडियन नाम से एक वेबसाइट भी चलाते हैं। इसके अलावा दवे ने फेसबुक पर “I Support Narendra Modi” पेज भी बना रखा है।

सोशल सेंट्रल मीडिया सॉल्यूशंस के प्रबंधन निदेशक देवांग दवे हैं और दवे की कंपनी का गठन 2015 में हुआ था.

पूरे मामले में देवांग ने दी है अपनी प्रतिक्रिया

इस पूरे मामले पर देवांग दवे ने कहा, ‘विपक्षी पार्टियों के राजनीतिक नैरेटिव को साधने के लिए मुझ पर आधारहीन आरोप लगाए जा रहे हैं. मुझे निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि मैं मध्यम वर्गीय परिवार से हूं और मेरी कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है. मेरी लीगल टीम इन आरोपों का जल्द जवाब देगी.’

वहीं, महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी बलदेव सिंह ने कहा, ‘राज्य सरकार के तहत डीजीआईपीआर के सुझाव पर इस एजेंसी को नियुक्त किया गया था. एजेंसी को राज्य चुनावों से पहले मतदाताओं में जागरूकता फैलाने के इरादे से सीमित उद्देश्य के साथ नियुक्त किया गया था.’

खैर, अब देखना यह दिलचस्प होगा कि इस खुलासे के बाद चुनाव आयोग और महाराष्ट्र चुनाव आयोग का दफ्तर इस मसले को दबाने और सुलझाने के लिए अपनी सफाई में कौन कौन सी कहानियां बनाता है.

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