CM नीतीश की लापरवाही, कोरोना इलाज के लिए 1.50 लाख तक सिक्योरिटी मनी मांग रहे बिहार के PVT अस्पताल

कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए जिला प्रशासन की ओर से 15 अस्पतालों की लिस्ट जारी की गई है। जहां पर मरीजों का ठीक तरह से इलाज हो सके। लिस्ट में दिए गए चार अस्पतालों में बेड फुल हो गए हैं। जिन अस्पतालों में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज हो रहा है, वह सामान्य मरीजों के बजट से बाहर है।

अस्पतालों में सिक्यूरिटी मनी के रूप में 50 हजार से डेढ़ लाख रुपए तक जमा हो रहा है। उसके बाद प्रति दिन का खर्च 15 से 50 हजार रुपए तक है। ऐसे में कोरोना मरीज के इलाज में तीन से पांच लाख रुपए से अधिक का खर्च है। इधर, निजी अस्पतालों में कोरोना पॉजिटिव मरीज का इलाज शुरू करने का आदेश निकलने के एक सप्ताह बाद भी खर्च का पैकेज तय नहीं हो सका है। इससे निजी अस्पतालों में भर्ती होने वाले कोरोना पॉजिटिव मरीज के परिजन परेशान है।

जेब पर भारी स्वास्थ्य }अस्पताल संचालक पैसा जमा करने के लिए परिजनों को कर रहे फोन

हाईटेक इमरजेंसी : मरीज के एडमिट करने पर 1.50 लाख रुपए सिक्योरिटी मनी जमा करने पड़ेगी। उसके बाद 30 हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से खर्च होगा। मेडिसिन तीन से चार हजार रुपए अलग से खर्च होंगे। 10 दिन के इलाज में लगभग 4.50 लाख खर्च आएगा।

नेस्तव हॉस्पिटल : अभी बेड उपलब्ध नहीं है। सिक्योरिटी मनी के रूप में एक से डेढ़ लाख रुपए लगते हैं। नार्मल या आईसीयू बेड के लिए हर दिन 15 हजार रुपए लगेंगे। वेंटिलेटर पर 35 हजार रुपए प्रति दिन का खर्च आएगा। इसमें चार हजार रुपए बेड चार्ज के साथ ही रहने-खाने, डॉक्टर की विजिट का पैसा लगेगा।

क्यूरिस हॉस्पिटल : अभी कोविड मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। अभी बेड लग रहा है। तैयारी चल रही है। तारा हॉस्पिटल, गांधी मैदान : बेड फुल है कह कर फोन काट दिया।

श्री मुरलीधर मेमो. हॉस्पिटल बाढ़ आक्सीजन की जरुरत वाले कोविड पेशेंट को भर्ती किया जा रहा है। यहां पर फ्री मेंं आक्सीजन और बेड की सुविधा है। लेकिन, हॉस्पिटल में वेंटिलेटर और आईसीयू की सुविधा उपलब्ध नहीं है।


अनुप संस्थान ऑफ ऑर्थोपेडिक्स हड्‌डी से पीड़ित कोविड मरीजों के इलाज की व्यवस्था है। यहां पर सिक्योरिटी मनी के रूप में 50 हजार रुपए जमा होते हैं। इसके साथ ही प्रति दिन बेड चार्ज के रुप में चार हजार रुपए, एक हजार रुपए नर्सिंग चार्ज, डॉक्टर का प्रति विजिट 500 रुपए, मेडिसिन का चार्ज अलग से लगेगा।

पारस हॉस्पिटल फोन नंबर लगातार दोपहर से व्यस्त दिखा रहा था। बेसिक नंबर पर फोन करने पर बेड फुल होने की जानकारी दे कर फोन काट दिया।

मिडवर्सल हॉस्पिटल कोविड पेशेंट के एडमिशन के दौरान एक लाख रुपए लगेगा। बेड, खाना, डॉक्टर की विजिट और दूसरे चीजों के लिए 17-18 हजार रुपए प्रति दिन खर्च होगा। वेंटीनेटर का चार्ज 50 हजार रुपए प्रति दिन। खर्च होगा।

रुबन हॉस्पिटल बेड फुल है। कोविड मरीज के भर्ती के दौरान सिक्योरिटी मनी 50 हजार रुपए लगेगा। इसके साथ ही पांच हजार रुपए प्रति दिन बेड चार्ज है। आईसीयू में 15 हजार रुपए प्रति दिन का चार्ज है। दवा के लिए अलग से पैसा लगेगा।

3 श्रेणी के मरीजों के लिए 3 तरह का पैकेज, गरीबों का इलाज सरकारी में

राज्य सरकार ने इलाज में खर्च तय करने की जिम्मेवारी जिला प्रशासन को दी है। लेकिन, अभी तक प्रशासन के स्तर पर बैठक का दौर जारी है। जिला प्रशासन के द्वारा गठित कमेटि के सदस्यों के मुताबिक तीन श्रेणी के मरीजों के लिए तीन तरह का पैकेज तय किया जाएगा। इसमें बेड के साथ ऑक्सीजन, बेड के साथ आईसीयू, बेड के साथ आईसीयू और वेंटिलेटर शामिल है। सामान्य मरीज को अस्पताल में भर्ती की नहीं मिलेगी अनुमति बगैर लक्षण वाले कोरोना पॉजेटिव मरीज को अस्पताल में भर्ती की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसे मरीजों को सरकारी आइसोलेशन सेंटर, पेड होटल आइसोलेशन सेंटर या होम आइसोलेशन सेंटर में रहना है।

सरकारी अस्पतालों में आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को मिलेगी जगह : प्रशासनिक पदाधिकारियों के मुताबिक निजी अस्पतालों में पूरी तरह कोरोना पॉजिटिव मरीज का इलाज शुरू होने के बाद सरकारी अस्पतालों पर दवाब कम होगा। ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर कोरोना पॉजेटिव मरीजों को सरकारी अस्पताल में भर्ती कर बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करायी जा सकेगी।

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