CM नीतीश कुमार का बड़ा फैसला, दुकानों में गोइठा-कोयला जलाने पर रोक, बढ़ेगी बेरोजगारी

पटना नगर निगम क्षेत्र में दुकानों में गोइठा व कोयला जला व्यावसायिक उपयोग में लाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके लिए शहर के सभी होटलों और सड़कों पर चलने वाली दुकानों व ठेलों पर छापेमारी होगी। प्रदूषण को लेकर नगर निगम जीरो टालरेंस की नीति पर काम शुरू कर चुका है। निगम के कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार मिश्रा ने कहा कि गोइठा व कोयले को जला व्यावसायिक प्रयोग पर रोक लगाई जाएगी। प्रदूषण के बढ़ते ग्राफ के पीछे गोइठा और कोयले का व्यावसायिक इस्तेमाल भी प्रमुख कारक है। इसे रोकने के लिए जिला प्रशासन व निगम ने टीम भी गठित की है। नेशनल एसोसिएशन ऑफ स्ट्रीट वेंडर्स ऑफ इंडिया के विशाल आनंद कहते हैं कि इस फैसले से शहर के लगभग पांच हजार स्ट्रीट फूड और स्ट्रीट मिल वेंडर सीधे-सीधे प्रभावित होंगे। छोटे दुकानदारों को गैस चूल्हा और सब्सिडी पर सिलेंडर आदि मुहैया कराकर स्वेच्छा से कोयला और गोइठा पर प्रतिबंध लगवाया जा सकता है।


शहर में सफाई को लेकर नगर आयुक्त अमित कुमार पांडेय ने सभी अंचलों के सभी ईओ के साथ बैठक की, जिसमें उन्होंने निर्देश दिया कि हर हाल में कचरा परिवहन के समय हाईवा को ढंकना सुनिश्चित करें। सभी अंचलों को प्रमुख सड़कों पर पानी का नियमित छिड़काव का भी निर्देश दिया गया है। सभी अंचलों को इसके लिए दो-दो टैंकर भी मुहैया कराये जा रहे हैं।

हरा पर्दा लगाए बगैर निर्माण नगर निगम वैसे भवनों को भी चिह्नित करने का काम शुरू कर चुका है, जहां बगैर हरा पर्दा लगाए निर्माण कार्य चल रहा है। अब इन भवनों के नक्शों सहित अन्य कागजात की जांच की जाएगी। भवन के आगे खुले में मौजूद निर्माण सामग्री को जब्त किया जा रहा है। शनिवार से अभियान तेज कर दिया जाएगा। सभी अंचलों में एक-एक टीम बनाई गई है।

कचरी और लिट्टी पर संकट इस प्रतिबंध से शहर की गलियों और सड़कों पर चलने वाली खान-पान की कई दुकानों पर बंदी की तलवार लटक जाएगी। इससे शहर में सबसे सुलभ नाश्ता कचरी, लिट्टी, पूड़ी, जिलेबी आदि की सुलभ उपलब्धता भी बुरी तरह प्रभावित होगी। इसके अलावा कचरी, लिट्टी सहित कई स्ट्रीट फूड भी महंगे हो सकते हैं।

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