राजस्थान में लागू होगा सीएम नीतीश का बिहार मॉडल, शराबबंदी करने पर विचार कर रही कांग्रेस सरकार

एक हाईलेवल कमेटी बिहार में श’राबबंदी के तमाम पहलुओं का अध्ययन करेगी, अपने यहां श’राबबंदी लागू करने की सोच रहा राजस्थान, प्रक्रिया और कायदा-कानून समझने आज आएगी उच्चस्तरीय कमेटी

राजस्थान, बिहार की तरह अपने यहां भी श’राब को बंद करने की सोच रहा है। यह कैसे हो, इसका नफा-नुकसान क्या है, किस तरीके से इस बड़े मोर्चे पर कामयाबी मिलेगी, इन तमाम पहलुओं को राजस्थान सरकार, बिहार से जानेगी-समझेगी। इसके वास्ते सरकार ने मंगलवार को एक हाई लेवल कमेटी बनाई। यह कमेटी बिहार आकर यहां की श’राबबंदी नीति और उसके परिणामों का अध्ययन करेगी। स्वाभाविक तौर पर कमेटी यह भी देखेगी कि श’राबबंदी से खजाने पर क्या असर पड़ेगा और यह भी कि क्या यह मानव संसाधन की रक्षा, जीवन स्तर के उछाल, रूटीन अपराध या दुर्घटनाओं में कमी जैसे श’राबबंदी के सुपरिणामों से ज्यादा हैं? बिहार सरकार के पास इन बहुआयामी सुपरिणामों से जुड़े बाकायदा सर्वे रिपोर्ट्स हैं, आंकड़े हैं। खुद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार इन आंकड़ों की चर्चा करते रहे हैं।

बिहार में 1 अप्रैल 2016 से देसी तथा 5 अप्रैल 2016 से सभी तरह की श’राब पर पाबंदी लगा दी गई। इसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कई राज्यों से उन संगठनों या लोगों ने बुलाया, जो अपने राज्य में श’राब को बंद कराना चाहते हैं। नतीजे के तौर पर कई राज्यों में श’राबबंदी की मांग जोड़ पकड़ी। राजस्थान की सरकार, ऐसे ही आंदोलन के दबाव में श’राब को बंद कराने की गुंजाइश को देखने के लिए अपनी हाई लेवल टीम बिहार भेज रही है। राजस्थान के आबकारी (उत्पाद) आयुक्त विष्णु चरण मलिक के अनुसार, 5 सदस्यीय कमेटी, बुधवार (11 दिसंबर) को बिहार जाएगी। यह अध्ययन दौरा होगा। कमेटी, बिहार की श’राबबंदी नीति और इसके विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करेगी। कमेटी में अतिरिक्त आबकारी आयुक्त सी. आर. देवासी, उदयपुर आबकारी अधिकारी राजेंद्र पारीक, बाड़मेर जिला आबकारी अधिकारी संजय सिंह, जोधपुर सहायक आबकारी अधिकारी गजेंद्र सिंह राजपुरोहित और अबू रोड आबकारी निरीक्षक ईश्वर सिंह चौहान शामिल हैं। कमेटी, 5 से 7 दिनों तक बिहार में रहेगी और श’राबबंदी नीति पर चर्चा करेगी।

आबकारी नीति के प्रावधानों के तहत श’राबबंदी की मांग से जुड़े व्यावहारिक पहलुओं पर चर्चा के लिए बीते अक्टूबर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ विभागीय समीक्षा की गई थी। राजस्थान सरकार, आबकारी से राजस्व का खास हिस्सा अर्जित करता है। इससे चालू वित्त वर्ष (2019-20) के लिए 10,500 करोड़ रुपये का लक्ष्य राजस्व निर्धारित है। नवंबर तक 5,500 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई हो चुकी है। इधर, राजस्थान में श’राबबंदी की मांग को लेकर आंदोलन चलाने वाली पूनम छाबड़ा ने इस कदम का स्वागत किया है।

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