बिहार में मिला कोयले का भंडार, एक साल में 50 मिलीयन टन का होगा उत्पादन, मिलेगा रोजगार

बिहार में कोयले का विशाल भंडार मिला है। बिहार सरकार और केंद्र सरकार की ओर से खनन को लेकर विशेष काम किया जा रहा है।

भागलपुर के निकट कहलगांव मंदार पर्वत क्षेत्र में कोयले का विशाल भंडार है पर उसका खनन मुश्किल है। यह कोयला जमीन से करीब 80 मीटर नीचे है। खनन के पूर्व यहां से मिट्टी और बालू को हटाना होगा। सारा काम यदि तेज गति से भी हो तो चार-पांच साल के पूर्व यहां खनन नहीं शुरू हो सकता है।

यह तथ्य शुक्रवार को विकास भवन में आयोजित खान एवं भूतत्व विभाग, सेंट्रल माइंस एंड प्लानिंग डिजायन इंस्टीट्यूट (सीएमपीडीआई), बीसीसीएल, धनबाद की बैठक में सामने आया। खनन के पूर्व बालू-मिट्टी की मोटी परत को हटाकर उसका निपटारा कराना दुरुह कार्य होगा। पहले बालू की गुणवत्ता की लैब टेस्टिंग होगी। कैसा बालू है, इसका आकलन होगा। निर्माण योग्य पाए जाने पर उसकी बिक्री की व्यवस्था करनी होगी।

इसी प्रकार मिट्टी के भंडार के निपटारे के लिए उसे ईंट भट्ठों में बिक्री के मामले पर भी विमर्श हुआ। खनन शुरू होने पर करीब 50 मिलीयन टन कोयले का उत्पादन प्रतिवर्ष होगा। बैठक में विभाग की प्रधान सचिव हरजोत कौर बुमराह, सीएमपीडीआई के महाप्रबंधक (माइंस) एके बाल, बीके गजारेशेन और उप महाप्रबन्धक एचके चौहान, अरुण प्रकाश, विश्वजीत, मनोज अम्बष्ठ, नीरज कुमार आदि कई अफसर थे।

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