पटना के कॉलेज ऑफ कॉमर्स की मान्यता होगी रद्द, UGC ने भेजा नोटिस

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेज ऑफ कॉमर्स, आर्ट्स एवं साइंस को कड़ी चेतावनी दी है। 16 करोड़ 29 लाख रुपये खर्च की यूटिलाइजेशन रिपोर्ट नहीं देने पर मान्यता समाप्त करने और एफआईआर दर्ज करने की चेतावनी दी है।

इस पत्र के बाद कॉलेज में खलबली मच गई है। यूजीसी ने पत्र प्राप्ति के दो सप्ताह के अंदर कॉलेज से रिपोर्ट मांगी है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के उप सचिव, कोलकाता द्वारा भेजे पत्र में वर्ष 2007 से 31 मार्च 2015 के बीच कॉलेज को प्राप्त फंड की यूटिलाइजेशन रिपोर्ट मांगी गई है। इस दौरान कॉलेज को करोड़ों रुपये की राशि दी गई थी। कॉलेज को इतने साल में लगभग 16 करोड़ 29 लाख 7910 रुपये का हिसाब मांगा गया है।

कॉलेज को पुस्तक से लेकर कई तरह के मदों में दी गई राशि : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने कॉलेज को पुस्तकों, लाइब्रेरी के अपग्रेड, सेमिनार, माइनर रिसर्च, गर्ल्स हॉस्टल, डेवलपमेंट और छात्रों की स्कॉलरशिप से लेकर अलग-अलग मदों में राशि उपलब्ध करायी गयी थी। अब अगर समय पर कॉलेज द्वारा यूटिलाइजेशन रिपोर्ट नहीं भेजी जाएगी तो ऐसी स्थिति में कॉलेज की मान्यता खतरे में पड़ जाएगी। कॉलेज की मान्यता ही समाप्त हो जाएगी। आगे के दिनों के लिए कॉलेज को ब्लैक लिस्टेड कर दिया जाएगा।

पूर्व प्राचार्य के समय मगध विवि में रिपोर्ट हुई थी जमा कॉलेज ऑफ कॉमर्स में यूजीसी ग्रांट की राशि का घालमेल बड़े पैमाने पर हुआ था। इसको लेकर काफी बवाल भी मचा था। वर्ष 2012 से लेकर 2014 के बीच में यूजीसी से प्राप्त राशि को अलग-अलग कार्यों में लगा दिया गया था। मगध विवि के पूर्व कुलपति के पास भी गड़बड़ी की रिपोर्ट जमा हुई थी।

बीच में मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया दिया गया था। इसकी रिपोर्ट पहले भी मांगी गई थी पर कॉलेज की ओर से यूटिलाइजेशन रिपोर्ट जमा नहीं किये जाने से फिर से एक बार यूजीसी ने पत्र निर्गत कर दिया है। इन आठ वर्षों में कई प्राचार्य और विश्वविद्यालय के कुलपति भी बदल गए।

यूजीसी से एक पत्र प्राप्त हुआ है। इसमें कॉलेज को पूर्व में दी गई राशि की रिपोर्ट मांगी गयी है। कॉलेज रिपोर्ट तैयार कर रहा है। कॉलेज समय पर रिपोर्ट भेजने में लगा हुआ है। – प्रो. तपन शांडिल्य, प्राचार्य, कॉलेज ऑफ कॉमर्स, आर्ट्स एवं साइंस

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