महागठबंधन की सरकार बनेगी तो शराब की बिक्री होगी शुरू?, कांग्रेस ने कहा शराबबंदी की समीक्षा करेंगे

कांग्रेस महासचिव और चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनी तो बिहार में लागू शराबबंदी कानून की समीक्षा की करते हुए इसमें आवश्यक सुधार की जाएगी। ताकि इस कानून के तहत जेल में बंद साढे तीन लाख से अधिक लोगों को न्याय मिल सके। इसका उल्लेख चुनाव घोषणा पत्र में भी किया गया है। सुरजेवाला ने कहा कि बड़ा प्रश्न यह है कि क्या बिहार में शराबबंदी कानून है? प्रदेश की सरका पर शराब माफिया को संरक्षण देने के आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि शराब बंदी के नाम पर प्रदेश में समानांतर उद्योग चलाया जा रहा है। इस कानून के तहत राज्य में साढ़े तीन लाख लोग में जेलों में बंद हैं। उन्होंने कहा कि सही मायने में मद्य निषेध कानून केवल कागजों तक सीमित है। राज्य में एक समानांतर अर्थ व्यवस्था पुलिस और माफिया की सांठ-गांठ से चल रही है। इसका सीधा असर सरकारी खजाने पर पड़ा है। सरकार और पुलिस की सरंक्षण से यह अवैध कारोबार राज्य में पंचायत स्तर पर पनप रहा है। बेरोजगार युवक भी अवैध शराब के धंधे की ओर आकर्षित हो रहे हैं। इनमें अधिकांश दलित, महादलित परिवार के लोग हैं।

महागठबंधन के प्रमुख घटक कांग्रेस ने साझा घोषणा-पत्र से इतर बदलाव पत्र 2020 में कई नए वादे किए है। इनमें बिहार में मद्य निषेध कानून की समीक्षा भी शामिल है। कांग्रेस ने रोजगार आयोग गठन, नौकरी मिलने तक बेरोजगारों को हर माह 1500 रुपए भत्ता और छत्तीसगढ की तर्ज पर किसानों के कर्ज माफ करने, महिला किसानों को केसीसी लोन के बयाज में 1% छूट देने और सरकार बनने पर सदन की पहली बैठक में तीन केन्द्रीय कानूनों को निरस्त करने की बात कही है। घोषणा-पत्र सार्वजनिक करते हुए राज बब्बर ने कहा कि कहा अगर नीतीश सरकार चाहती तो तत्काल कम से कम 4.5 लाख युवाओं को रोजगार दे सकती थी। रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि बिहार में पानी का अधिकार (राइट टू ड्रिकिंग वाटर) लागू होगा।

इधर, लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने बुधवार को विजन डॉक्यूमेंट “बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ जारी किया। पार्टी के वादों में राज्य के सभी संविदाकर्मियों को नियमित करने, माता सीता का भव्य मंदिर बनाने, छात्रों के लिए कोचिंग सिटी, उद्योग के लिए स्पेशल इकॉनोमिक जोन, पटना में अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम, शिक्षकों को समान काम के लिए समान वेतन, सरकारी विभागों में खाली पदों को भरने, होमगार्ड की नौकरी को स्थाई करने के साथ-साथ प्रवासी बिहारियों के लिए अलग विभाग बनाने सरीखे तमाम वादे 28 पन्नों के विजन डॉक्युमेंट में किए हैं। डॉक्युमेंट सार्वजनिक करते हुए पासवान ने कहा कि अगर गलती से भी नीतीश कुमार जीतते हैं तो बिहार हार जाएगा।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *