अब कोरोना टेस्ट के बाद ही जा सकेंगे ऑफिस, लॉकडाउन में कई दफ्तरों के खुलने को लेकर प्रशासन अलर्ट
Patna: बिहार की राजधानी पटना में कोरोना वायरस के संक्रमण का दायरा बढ़ता जा रहा है. सोमवार को पटना में 6 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज के सामने आने के साथ ही पटना में संक्रमितों का आंकड़ा 39 तक पहुंच गया. इधर, लॉकडाउन के बीच कई दफ्तरों के खुलने को लेकर प्रशासन अलर्ट है. पटना के डीएम ने एक आदेश जारी कर कहा है कि राजधानी के बाहर फंसे जो लोग अगले कुछ दिनों में ऑफिस आएंगे, उन्हें पहले COVID-19 टेस्ट कराना होगा. इसके बाद ही दफ्तर में जाने की अनुमति मिलेगी.
पटना के डीएम कुमार रवि ने सभी नए प्रभावित क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन घोषित कर सील करने का निर्देश दिया है. पटना का खाजपुरा और सुल्तानगंज का इलाका पहले से कंटेंनमेंट जोन घोषित है. आपको बता दें सोमवार को जो 6 मरीज मिले हैं, वे पटना के विभिन्न इलाकों के हैं. इनमें से दो राजाबाजार की मछली गली, एक-एक न्यू पाटलिपुत्र कॉलोनी के जीडी मिश्र पथ, फुलवारीशरीफ के गाजा चक महम्मदपुर, बेली रोड में बीपीएससी कार्यालय के पीछे और नौबतपुर इलाके के रहने वाले हैं.
इस बीच डीएम ने अपने आदेश में कहा है कि लॉकडाउन में पटना से बाहर फंसे कर्मियों को अब योगदान देने से पहले कोरोना टेस्ट कराना होगा. बिना टेस्ट कराए कर्मी अपने ऑफिस में योगदान नहीं दे सकेंगे. दरअसल लॉकडाउन के दौरान बहुत सारे पदाधिकारी, कर्मी, पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिसकर्मी दूसरे राज्यों या जिलों में फंसे हैं. 20 अप्रैल से सभी कार्यालयों के खुल जाने के बाद इनका पटना आना शुरू हो गया है.
बिहार में लगातार कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. आलम ये है कि 19 अप्रैल को बिहार में महज 78 मरीज थे, लेकिन 27 अप्रैल आते-आते इसकी संख्या 346 तक पहुंच गई. वहीं पहले 10 जिलों तक सीमित रहने वाला कोरोना का संक्रमण अब 25 जिलों में फैल चुका है. दरभंगा-पूर्णिया और मधुबनी में भी सोमवार को पहली बार कोरोना मरीज मिल गए. जाहिर है चुनौती बढ़ती जा रही है.