पटनावासियों को अब लग रहा डर, क्योंकि इलाज करने वाले ही बन रहे मरीज

Patna: बिहार में बेकाबू कोरोना वायरस ने पटना में सबसे ज्यादा कहर बरपा रखा है. पटना में हर दिन सैकड़ों की संख्या में नए पॉजिटिव के सामने आ रहे हैं. आलम यह है कि राजधानी समेत आसपास के सभी इलाकों में कदम-कदम पर संक्रमण का खतरा बन गया है. लोग दहशत में है क्योंकि इलाज करने वाले ही मरीज बन चुके हैं. पटना के लगभग सभी छोटे बड़े अस्पताल में डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ कोरोनावायरस है जिसकी वजह से स्थिति और खराब हो गई है.

गुरुवार को पटना में तकरीबन 400 नए पॉजिटिव के सामने आए हैं. पीएमसीएच के 6 डॉक्टर पॉजिटिव पाए गए हैं जबकि आईजीआईएमएस के 2 डॉक्टरों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इसके अलावे बाढ़ अनुमंडल अस्पताल के एक डॉक्टर भी संक्रमित पाए गए हैं. एनएमसीएच के 6, न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल के 3 मेडिकल स्टाफ की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद हड़कंप की स्थिति है. आरएमआरआई में संक्रमण फैलने के बाद वह तत्काल कोरोना जांच बंद कर दी गई है. अगले 3 दिनों तक के यहां सैंपल नहीं लिए जाएंगे.

आरएमआरआई के आधा दर्जन से अधिक के टेक्नीशियन कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. पटना में सरकारी अधिकारियों को भी कोरोना संक्रमित पाया जा रहा है. जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी, जिला योजना पदाधिकारी समेत डीआरडीए के एक कर्मचारी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इसके साथ ही साथ दानापुर अनुमंडल के एएसडीओ और पशु के कार्यपालक अभियंता भी संक्रमित पाए गए हैं. इन सभी पदाधिकारियों के संपर्क में आने वाले लोगों की जांच कराई जानी है.

पटना के बाढ़ में सबसे ज्यादा कोरोना के संक्रमित गुरुवार को पाए गए. यहां 86 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ समेत आम लोगों में कोरोना जबरदस्त तरीके से फैला है. पटना एम्स में इलाज के लिए पहुंचे 42 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है जिनमें से 22 पटना के हैं. इनमें 4 फुलवारीशरीफ, 5 मरीज अनीसाबाद और बाकी दीघा, सिपारा, बिहटा, आशियाना नगर, बांकीपुर, पटेल नगर, सगुना मोड़ और शास्त्रीनगर के हैं.

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