कोरोना काल में कालाबाजारी करने का कमाल, मजदूर के बैंक खाते में हुआ 90 लाख का ट्रांजेक्शन, गिरफ्तार

15 सौ किराये के बैंक अकाउंट में लाखों आये ऑक्सीजन-रेमडेसिविर के काले कारोबार की कमाई के : कोरोना महामारी में लाशों और मौत का सौदा करनेवाले ऑक्सीजन-रेमडेसिविर के काले कारोबार में भोलेभाले दिहाड़ी मजदूरों का इस्तेमाल कर रहे थे। दिहाड़ी मजदूरों को नौकरी का लालच देकर उनके बैंक अकाउंट प्राइवेट बैंकों में खुलवाये गये और फिर उनका बंक अकाउंट किराये पर ले लिया गया। इसके एवज में चंद रुपये इन दिहाड़ी मजदूरों को भी दे दिया जाता था।

और इसकी आड़ में काले कारोबार के महारथी ऑक्सीजन सिलेंडर और रेमडेसिविर इंजेक्शन के ब्लैक से आनेवाले पैसों का ट्रांजेक्शन करने लगे। जिन दिहाड़ी मजदूरों को दो वक्त की रोटी के लाले थे उनके बैंक अकाउंट में एक महीने में ही 90 लाख का ट्रांजैक्शन होने लगा। और अब जाकर मामला खुला है। वो भी तब जब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कार्रवाई की है। हालांकि इस कार्रवाई में भी गिरफतार दिहाड़ी मजदूर ही किये गये। मौत के सौदागर अभी भी पुलिस के गिरफत से दूर ही हैं।

बताते चलें कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने शनिवार सुबह कहलगांव के घोघा के पक्कीसराय में छापेमारी कर सरिता देवी को गिरफ्तार किया है। उसे ऑक्सीजन सिलेंडर-रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के आरोप में पकड़ा है। सरिता सौदागर मंडल की पत्नी है। पति-पत्नी घोघा के ईंट-भट्‌ठे में मजदूरी करते हैं।

दिल्ली पुलिस की जांच में पता चला कि महिला के एचडीएफसी बैंक के खाते में 3 माह में करीब 90 लाख के ट्रांजेक्शन हुए हैं। इसकी जानकारी पति-पत्नी को नहीं है। खाते का उपयोग बेगूसराय का रोशन कर रहा है।
सरिता के अलावा रोशन ने कहलगांव में करीब 20 अन्य महिला-पुरुषों के अलग-अलग बैंकों में खाते खुलवाए हैं। सभी खाते वह खुद ही इस्तेमाल कर रहा है। दिल्ली पुलिस ने ऑक्सीजन सिलेंडर और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का केस दर्ज किया था। एक कोरोना पीड़ित को 50 हजार रुपए में ऑक्सीजन सिलेंडर, जबकि ढाई लाख में रेमडेसिविर इंजेक्शन के सभी डोज बेचे थे। रोशन ग्रामीणों के बैंक खातों को किराए पर लेकर हर माह खाताधारक को 1000-1500 रुपए देता था।


सरिता ने बताया, घोघा में एक साल से आरओबी बन रहा है। यहां रोशन मुंशी है। उसने सरिता समेत कई ग्रामीणों को रेलवे में ग्रुप डी में नौकरी लगाने का झांसा देकर उनके नाम पर केनरा बैंक, एचडीएफसी बैंक और यूनियन बैंक में 21 खाते खुलवाए। सभी के आधार कार्ड व फोटो लिए। उनके नाम पर सिम खरीदे। नए नंबरों को खाते से जोड़ा। फिर सभी खाते खुद ही रोशन इस्तेमाल करने लगा।

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