नीतीश सरकार का ‘दोगलापन’, बिहार से बाहर कोरोना से मरने पर नहीं मिलेगा 4 लाख रुपये
बिहार सरकार ने कोरोना से मरने वाले लोगों के परिवार को झटका दिया है। ताजा अपडेट के अनुसार बिहार में मरने वाले बाहरी राज्य के नागरिकों को और बाहर मरने वाले बिहारी को किसी तरह का मुआवजा नहीं दिया जाएगा। अब सवाल उठता है कि जब नीतीश सरकार बिहार में रह रहे अन्य राज्य के नागरिकों को कोरोना से मरने पर मुआवजा नहीं देगी तो फिर कोई अन्य राज्य सरकार अपने यहां मरने वाले बिहारी नागरिकों की सहायता क्यों करेगा। एक तरह से कहा जाय तो बिहार सरकार ने अन्य राज्य में कोरोना से मरने वाले मृतकों के बीवी और बच्चों को बीच भंवर में छोड़ दिया है।

दरभंगा की 30 साल की प्रिया कहती है कि मेरा पूरा परिवार उत्तराखंड में रहता है। कुछ दिन पहले कोरोना से मेरे पति का निधन हो गया। मेरे दो छोटे-छोटे बच्चें हैं। उत्तराखंड सरकार भी अपने राज्य में रह रहे बाहरी नागरिकों को मुआवजा नहीं देती है। सोचा था बिहार सरकार की ओर से कुछ मदद मिलेगा। लेकिन इस खबर ने हम जैसे लोगों पर वज्रपात के समान प्रहार किया है। बिहार सरकार को दोबारा अपने फैसले पर विचार करना चाहिए।
बताते चलें कि कोरोना के कारण मृत लोगों के परिजनों को अनुग्रह अनुदान का भुगतान अब आपदा प्रबंधन विभाग करेगा। स्वास्थ्य विभाग की अधियाचना के बाद आपदा विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। साथ ही, यह भी साफ कर दिया है कि बिहार से बाहर मरने वाले राज्यवासी के परिजन यह लाभ नहीं ले पाएंगे। राज्य सरकार ने यह व्यवस्था उन्हीं राज्यवासियों के लिए की है जिनकी मौत बिहार में हुई है।
कोरोना से मौत के बाद अनुग्रह अनुदान के भुगतान को लेकर जिलों से मांगे गये निर्देश के अलोक में आपदा प्रबंधन विभाग ने स्थिति साफ कर दी है। विभाग ने कहा है कि राज्य के भीतर मरने वाले उन्हीं लोगों के निकटतम आश्रित को चार लाख की राशि दी जाएगी, जो राज्य के वासी भी हैं। यानि बिहार में मरने वाले दूसरे राज्यों के वासी और बिहार के ऐसे वासी जिनकी मौत दूसरे राज्य में हुई हो उनके परिजनों को यह लाभ राज्य सरकार नहीं देगी।
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