दारोगा साब मेरे पोते को छोड़ दीजिए, मेरा जवान इंजीनियर बेटा मर गया है, मुखाग्नि देना वाला कोई नहीं है

मेरे पोते को छोड़ दीजिए, मुखाग्नि देने वाला कोई नहीं:18 घंटे से बेटा पुलिस की हिरासत में, अंतिम संस्कार के लिए पड़ा है घर में पिता का शव : समस्तीपुर में एक इंजीनियर की लाश पिछले 18 घंटे से बेटे के इंतजार में पड़ी हुई है। बेटा पुलिस हिरासत में है। घर में कोई पुरुष सदस्य मुखाग्नि देने वाला नहीं है। बूढ़ी दादी रो-रोकर पुलिस से फरियाद कर रही है कि उसके बेटे को छोड़ दिया जाए, ताकि वह अपने पिता का अंतिम संस्कार कर पाए। मामला समस्तीपुर के दलसिंहसराय का है, जहां हार्ट अटैक से पिता की मौत पर बेटे ने सदर अस्पताल में हंगाम किया तो अस्पताल प्रशासन ने उसे गिरफ्तार करा दिया।

PHED इंजीनियर मदन राम को दिल का दौरा पड़ने के बाद उनके परिजन इलाज के लिए सदर अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मरीज की मौत की खबर सुनते ही परिजनों ने अस्पताल में हंगामा करना शुरू कर दिया। अस्पताल कर्मियों ने हंगामे का विरोध किया तो परिजन व अस्पताल कर्मियों के साथ नोंकझोक होने लगी। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में उनके साथ मारपीट की गई। इधर, डॉक्टरों का भी आरोप है कि मरीज के परिजनों ने डॉक्टरों के साथ मारपीट की है।

भाई के इंतजार में दरवाजे पर बैठी रो रही बहन
इंजीनियर का शव पिछले 18 घंटे से घर में पड़ा है। बूढ़ी मां मृत बेटे के पास बदहवास अपने अपने पोते के इंतजार में बैठी है। परिजन अन्तिम संस्कार के लिए एकलौते पुत्र को पुलिस से छुड़ाने के लिए अधिकारियों का दरवाजा खटखटा रहे हैं। मृतक की पुत्री पूसा केंद्रीय विस्वविद्यालय की साइंटिस्ट भी अपने भाई के आने की प्रतीक्षा दरवाजे पर बैठ कर कर रही है।

कार्रवाई नहीं होती तो डॉक्टर हड़ताल पर चले जाते : SP
इस बाबत पूछे जाने पर DM शशांक शुभंकर ने बताया कि मामले की जांच पुलिस कर रही है। विशेष SP ही पूरे मामले की जानकारी देंगे। जब पुलिस अधीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लो से मोबाइल पर सम्पर्क कर इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने बताया कि परिजनों का सदर अस्पताल में हंगामा करना गलत है। मृतक के पुत्र को पिता के अंतिम संस्कार के लिए जरूर छोड़ा जाएगा, लेकिन इसके बाद उस पर सख्त करवाई की जाएगी। अगर मरीज पुत्र को हिरासत में नहीं लिया जाता तो जिले के डॉक्टर हड़ताल पर चले जाते और इस समय पूरे जिले में 200 लोग वेंटीलेटर सपोर्ट पर हैं, आखिर उन्हें कौन देखता।

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