पत्रकार पोहा वाला… कल तक मैं आज तक चैनल में नौकरी करता था, आज उसके बाहर ठेला लगाता हूं

अब इसे स्टार्ट अप कहिए, रोज़गार का साधन कहिए या जो भी. जगह- फ़िल्मसिटी, आजतक के सामने : मेरा नाम ददन विश्वकर्मा है. बाय प्रोफेशनल मैं एक पत्रकार हूं. मैंने जी न्यूज़ और आज तक जैसे बड़े मीडिया हाउस में काम कर रखा है. नोएडा में काम करने वाले कई वरिष्ठ पत्रकार मुझे जानते हैं और मुझे पहचानते हैं. कल तक जिस कंपनी के बाहर में नौकरी किया करता था आज उसके बाहर एक ठेला लगाकर पोहा भेज रहा हूं. आप इसे मेरी मजबूरी कहें या स्टार्टअप की शुरुआत. क्या सोचना है और क्या समझना है यह मैं आप पर छोड़ता हूं…

सोशल मीडिया में पत्रकार पोहा वाले का फोटो तेजी से वायरल हो रहा है. लोग जमकर ददन विश्वकर्मा को सपोर्ट कर रहे हैं. लेकिन इस बात का चर्च कोई नहीं कर रहा कि आखिर वह कौन सी मजबूरी थी एक वरिष्ठ पत्रकार को ठेला लगाकर पोहा बेचने पर मजबूर होना पड़ा.

अनिमेष मुखर्जी लिखते हैं कि Dadan Vishwakarma के हाथ की बनी साबूदाने की खिचड़ी खाई है। इनको इस शानदार शुरुआत के लिए बधाई।

मनदीप पुनिया ने लिखा है की Dadan Vishwakarma भाई वो इंसान हैं जो हाथ पकड़कर पत्रकारिता में लेकर आए थे. आईआईएमसी में मेरा एडमिशन कराया. यह फोटो सामने आई है. इसे देखकर गुरमीत जज का गीत दिमाग में गूंज रहा है.जे जीणा हैं ता लड़ना पऊ. जे ना लड़या ता मर ना पऊ…

सुनील मौर्य कहते हैं हमें हर मेहनत पर गर्व है. बहुत बहुत बधाई Dadan Vishwakarma भाई, अपना हुनर हमेशा टॉप पर ले जाता है. हम आपके साथ कल भी थे और आज भी. अपील : अगर आप कभी #Filmcity #Noida आएं तो ददन भाई के हाथ का बना जो मिले, उसे ज़रूर खाएं, मां कसम वैसा मज़ा आपको कहीं किसी और दुकान पर खाने में नहीं मिलेगा… गारंटी है

सोनिया सत्य नीता नामक महिला कहती है अपने गांव से जब चंडीगढ़ इंटर्न करने गयी तो सात हजार से उस शहर में रहने की शुरुआत हुई, घर वालों को बिना बताए आई थी तो कुछ मांग भी नहीं सकती थी,कुछ दुख रो भी नहीं सकती थी.फिर अगले चैनल्स में जॉब करते करते समय गुजरा तो पाया जितने हाड़ गलाए जा रहे हैं उसके बराबर न पैसा मिल रहा है और ना ही अपनी क्षमता के अनुसार काम.बार बार मन किया इतनी मेहनत खेत,गोस्से बनाने या दरी-सिलाई में कर लोगी तो बिना किसी की सुने इससे ज्यादा कमा लोगी लेकिन यह सब करने के लिये गांव जाने की हिम्मत न हुई,घर वाले मेरे नए स्टार्टअप सुनकर ही हंसते अलग,ब्याह की धमकी देते वो अलग और इतनी पढ़कर भी यही करना है,ये असंख्य बात कहते वो अलग.आज फिल्म सिटी में Dadan Vishwakarma सर के नए स्टार्टअप की तसवीर देखी.आप जो मेरे दोस्त यहां हैं वो सहयोग करें.काफी लोगों के लिए यह प्रेरणादायक होगा.

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