दरभंगा ब्लास्ट में खुलासा, सिकंदराबाद—दरभंगा एक्स को उड़ाने का था प्लान, कागज के कारण हुआ फ्लाप

बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर 17 जून की दोपहर 3:25 बजे जिस पार्सल में ब्लास्ट हुआ था, असल में उस ब्लास्ट की टाइमिंग और जगह आतंकियों ने कुछ और तय कर रखी थी। इनके टारगेट पर सिकंदराबाद से दरभंगा के बीच चलने वाली 07007 डाउन स्पेशल ट्रेन में सवार बेगुनाह पैसेंजर्स थे, जिन्हें आतंकवादी हमेशा के लिए मौत की नींद सुलाने वाले थे। मगर, इनकी प्लानिंग फेल हो गई।

पार्सल के अंदर रखे लिक्विड बम का ब्लास्ट तब हुआ, जब वो ट्रेन दरभंगा स्टेशन पहुंच चुकी थी। पार्सल को ट्रेन से उतारा जा चुका था। ट्रेन में सवार सारे पैसेंजर्स उतर चुके थे। इस दरम्यान किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन आतंकियों ने जो साजिश रच रखी थी अगर वो कामयाब हो जाती तो बड़ा नुकसान होता। काफी संख्या में ट्रेन में सफर कर रहे लोग मारे जाते।

सूत्रों के मुताबिक आतंकियों के मंसूबे खतरनाक थे। आतंकियों के फुलप्रुफ प्लान के तहत 15-16 जून की मध्य रात्रि को 07007 डाउन के पार्सल कोच में केमिकल ब्लास्ट होता। उससे चलती ट्रेन में आग लगती और फिर उस वक्त सो रहे पैसेंजर्स की जान चली जाती। इसके लिए आतंकियों ने सिकंदराबाद स्टेशन से 132 KM दूर काजीपेट जंक्शन को चुना था।

दरअसल, 15 जून की रात 10 बजकर 40 मिनट पर दरभंगा के लिए 07007 स्पेशल ट्रेन सिकंदराबाद से रवाना हुई थी। इस ट्रेन का पहला स्टॉपेज 132 KM दूर काजीपेट जंक्शन है। यहां यह ट्रेन 1 घंटे 54 मिनट के बाद यानी 16 जून को मध्य रात 12 बजकर 38 मिनट पर पहुंचती है। ठीक दो मिनट के बाद यह ट्रेन काजीपेट से 132 KM की दूरी पर स्थित रामागुंडम स्टशन के लिए बढ़ जाती है।

आतंकियों की प्लानिंग थी कि यह ब्लास्ट काजीपेट से खुलने के बाद हो जाए, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। वहां से 1781 KM दूर दरभंगा में ब्लास्ट हुआ। इस साजिश का खुलासा तब हुआ जब NIA की टीम ने हैदराबाद से सगे भाई इमरान मलिक और नासिर मलिक को पकड़ा। फिर, बहुत सारी बातें उत्तर प्रदेश के शामली से पकड़े गए मो. सलीम और टेलर कफील से हुई पूछताछ में सामने आई।

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