नक्सल प्रभावित क्षेत्र से निकल कर टोक्यो ओलंपिक में अपनी हॉकी स्टिक से जलवा बिखेर रही झारखंड की बेटी

झारखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्र सिमडेगा जिले से आने वाली हॉकी खिलाड़ी सलीमा टेट्टे ने सभी के लिए मिसाल पेश कर दी। साधारण परिवार से आने वाली सलीमा ने सोमवार को टोक्यो ओलिंपिक में शानदार प्रदर्शन किया। बेटी की इस उपल्बधी पर देश से लेकर सलीमा के गांव-घर तक खूब जश्न मना। परिवार के लोग जब खुशी मनाने घर से बाहर निकले तो उनके पैरों में चप्पलें तक नहीं थी।
महिला हॉकी टीम की सदस्य सलीमा टेटे के परिवार ने बेटी को आज होने वाले ओलंपिक सेमीफाइनल मैच के लिए बधाई दी। उन्हें शुभकामनाएं देते हुए बड़कीचापारा में रहने वाले सलीमा के माता-पिता कहते हैं कि हम बहुत खुश हैं, हमें अपनी बेटी पर बहुत गर्व है।

इस दौरान सलीमा के परिवार के चेहरे की चमक सारी आर्थिक कठिनाईयों पर भारी दिख रही थी। भारतीय महिला हॉकी खिलाडी सलीमा टेटे की छोटी बहन महिमा टेटे कहती हैं कि हम बहुत खुश हैं, हमें गर्व है और हमें उम्मीद है कि वे सेमीफाइनल भी जीतेंगी। हमें उम्मीद है कि वे स्वर्ण पदक के साथ भारत वापसी करेंगी। आज पूरा गांव बहुत खुश है, हम साथ में मैच देखते हैं।
इस दौरान सलीमा की बात लगातार अपनी बहन महिमा से हो रही थी। पहले लगातार तीन मैच हारने के बाद वह निराश थी। पूरी टीम भी दबाव में थी। ऐसे में वो वीडियो कॉल पर बात करने के दौरान लगातार वह अपनी बहन का उत्साह बढ़ाती रही थी। महिमा का कहना है कि पिछले मैच में उसकी बहन के साथ पूरी टीम ने कमाल कर दिया। हम सब खुश हैं और चाहते हैं कि टीम स्वर्ण पदक लेकर लौटे।

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