नक्सली गोलियां बरसा रहे थे, दीपक साथियों को बचाने में लगे थे, ब्लास्ट हुआ, वीरगति को प्राप्त हुए

नक्सली चारों तरफ से गोलियां बरसा रहे थे, SI दीपक अपने साथियों को बचाने में लगे थे.. तभी ब्लास्ट हुआ और वे वीरगति को प्राप्त हुए : हरदम मुस्कुराने वाले छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले के बेटे दीपक ने सभी की आंखे नम कर दी है। होली के समय अपने पिताजी से फोन पर बात करते हुए दीपक ने कहा था- पिताजी अभी बहुत बिजी हूँ, इसलिए बात नहीं कर पा रहा आजकल। रुंधे हुए गले से एक पिता अपने बेटे के चेहरे को निहारते हुए बस रोता जा रहा है। भगवान सभी शहीद जवानों के परिजनों को दुःख की इस घड़ी को सहन करने की शक्ति प्रदान करे।

नक्सली चारों तरफ से गोलियां बरसा रहे थे, SI दीपक अपने साथियों को बचाने में लगे थे.. तभी ब्लास्ट हुआ और वे वीरगति को प्राप्त हुए : हरदम मुस्कुराने वाले छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले के बेटे दीपक ने सभी की आंखे नम कर दी है। होली के समय अपने पिताजी से फोन पर बात करते हुए दीपक ने कहा था- पिताजी अभी बहुत बिजी हूँ, इसलिए बात नहीं कर पा रहा आजकल। रुंधे हुए गले से एक पिता अपने बेटे के चेहरे को निहारते हुए बस रोता जा रहा है। भगवान सभी शहीद जवानों के परिजनों को दुःख की इस घड़ी को सहन करने की शक्ति प्रदान करे।

छत्‍तीसगढ़ के जंगल शनिवार को फिर गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठे। घात लगाकर किए गए हमले में 23 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए। जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक नक्‍सलियों ने पूरी योजना के साथ सुरक्षा बलों पर हमला किया। सीआरपीएफ, कोबरा, एसटीएफ और डीआरजी के दो हजार से ज्‍यादा जवान एक नक्‍सली कमांडर की इलाके में मौजूदगी की सूचना पर सर्च ऑपरेशन करने गए थे। वापसी में टेकलगुड़ा गांव से थोड़ी दूर पर अचानक गोलियां चलने लगीं।

कैसे किया गया हमला?
टेकलगुड़ा गांव के एक तरफ पहाड़ और तीन तरफ जंगल है। यह इलाका नक्‍सलियों की बटालियन 1 का है जिसका मुखिया कमांडर माडवी हिड़मा है। उसके यहां मौजूद होने की भनक मिली थी। सूचना पर भारी संख्‍या में जॉइंट फोर्स के जवान भेजे गए। शनिवार को दोपहर जब सर्च टीमें लौट रही थीं तो टेकलगुड़ा गांव से करीब 100 मीटर दूर अचानक फायरिंग शुरू हो गई। जवान जबतक कुछ समझ पाते, तबतक पहाड़‍ी की ओर से भी गोलियां आने लगीं।

नक्‍सलियों के जाल में फंस गए जवान
हर तरफ नक्‍सली मौजूद थे, जवान बीच में खुले स्‍थान पर थे। गांववालों के मुताबिक, नक्‍सलियों ने एक पहाड़ी पर फायरिंग पोजिशन तैयार की थी। स्‍थानीय अखबार नई दुनिया के मुताबिक, पहली गोली गांव से चली थी। अमूमन सुरक्षा बल गांवों की तरफ अंधाधुंध फायरिंग नहीं करते इसलिए असमंजस में रह गए। तबतक पहाड़ी से गोलियां चलने लगीं। जवानों ने उधर जवाबी फायरिंग शुरू की और गांव टेकलगुड़ा की तरफ जाने लगे।

अपने घायल साथियों को लेकर कुछ जवान टेकलगुड़ा गांव में पहुंचे जो कि नक्‍सलियों की एक चाल निकली। उन्‍होंने पूरा गांव खाली करा लिया था। झोपड़‍ियों में गांववालों की जगह नक्‍सली मौजूद थे। जैसे ही सुरक्षाकर्मी वहां पहुंचे, नक्‍सलियों ने हमला बोल दिया। वहां एलएमजी, रॉकेट लॉन्‍चर जैसे हथियार जुटाए गए थे। मौके पर पहुंचे स्‍थानीय लोगों ने पुलिस को बताया कि करीब एक किलोमीटर के दायरे में खून से लथपथ जवानों के शव पड़े हुए थे।

तीन तरफ से हमला हुआ, खुद मरहम-पट्टी करते रहे जवान
शनिवार को करीब छह घंटे तक तीन जगहों पर मुठभेड़ चली। करीब एक किलोमीटर के दायरे में U शेप के फॉर्मेशन में नक्‍सलियों ने मोर्चा संभाल रखा था। एक तरफ पहाड़ी, दूसरी तरफ गांव और कुछ देर बाद पीछे से भी फायरिंग होने लगी। नक्‍सलियों ने कैंची बम, बीजीएल, यूजीएल जैसे हथियारों का इस्‍तेमाल किया।

गांव के पास से खून के धब्‍बों के अलावा इंजेक्‍शन, सीरिंज व अन्‍य दवाइयां मिली हैं। मुठभेड़ के दौरान, जवान अपने घायल साथियों की मरहम-पट्टी भी करते रहे। नई दुनिया के अनुसार, करीब एक किलोमीटर के दायरे में लगे हर पेड़ के तने में गोलियों के निशान मिले हैं। जवान इन्‍हीं पेड़ों की ओट लेकर नक्‍सलियों का मुकाबला करते रहे। शाम होते-होते जवानों ने फायरिंग रोकी और कैंप की तरफ चले गए। नक्‍सली रातभर गांव और आसपास मंडराते रहे।

गोलियां बरसाईं, लूटपाट भी करते गए नक्‍सली
आईजी बस्‍तर सुंदरराज पी के अनुसार, नक्‍सलियों ने शहीद जवानों की वर्दी, जूते व अन्‍य हथियार लूट लिया। उन्‍होंने बताया कि 7 एके-47 राइफल, दो इंसास राइफल और एक एलएमजी लूटी गई है। एक महिला नक्‍सली का शव इंसास राइफल के साथ मिला जिसकी पहचान माडवी वनोजा के रूप में हुई जिसे पामेड़ एलजीएस कमांडर बताया जा रहा है।

प्रेशर बम के चलते रस्सियों से खींचे गए शव
टेकलगुड़ा गांव को नक्‍सलियों का गढ़ माना जाता है। वायुसेना के हेलिकॉप्‍टर्स की मदद से शहीद जवानों के शवों को बाहर निकाला गया। नई दुनिया अखबार ने मौके से अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि गांव लाशों से पट गया था। शनिवार को यहां पहली बार वायुसेना के हेलिकॉप्‍टर उतरे। शवों के पैर में लंबी रस्‍सी बांधी गई और दूसरे छोर से उन्‍हें खींचा गया। ऐसा इसलिए क्‍योंकि नक्‍सली अक्‍सर शवों के नीचे बम लगा देते हैं। इसके बाद पूरे सम्‍मान के साथ शहीदों के शव विमान में रखवाए गए।

अगर आप हमारी आर्थिक मदद करना चाहते हैं तो आप हमें 8292560971 पर गुगल पे या पेटीएम कर सकते हैं…. डेली बिहार न्यूज फेसबुक ग्रुप को ज्वाइन करने के लिए लिंक पर क्लिक करें….DAILY BIHAR

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *