दिल्ली-मुम्बई से आकर नीतीश को वोट करने वालों चुल्लु भर पानी में डूब मरो, तुम्हें नहीं मिलेगा कोरोना अनुदान

बिहार में सिर्फ बिहारी की मौत पर अनुदान:राज्य के बाहर कोरोना से बिहारियों की मौत पर नीतीश सरकार नहीं देगी 4 लाख रुपए, दूसरे राज्य के नागरिक की बिहार में मौत पर भी कोई मदद नहीं :

कोरोना से मौत के बाद परिजनों को मिलने वाली 4 लाख रुपए की अनुदान राशि भी अब फंस गई है। अनुदान की राशि बिहार की धरती पर मरने वाले बिहारियों को ही मिलेगी। बिहारी बिहार से बाहर मरता है या फिर कोई बाहरी बिहार में मरता है तो उसके परिवार को कोई मदद नहीं मिल पाएगी। यह खुलासा एक सरकारी पत्र से हुआ है।

बिहार और बिहारी का यह है अनुदान कनेक्शन

कोरोना से मरने वालों के आश्रितों को बिहार सरकार की तरफ से 4 लाख रुपए की अनुग्रह अनुदान राशि दी जाती है। कोरोना की पहली लहर में CM नीतीश कुमार ने मार्च 2020 में इसकी घोषणा की थी। बिहार पहला ऐसा राज्य था जहां कोरोना से मरने वालों के आश्रितों को 4 लाख रुपए की अनुग्रह राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से दी जा रही थी। हालांकि दूसरी लहर में जब मौत का आंकड़ा तेजी से बढ़ा तो इस धनराशि को आपदा राहत कोष से दिया जाने लगा।

सरकारी पत्र से ऐसे हुआ खुलासा

डीएम रोहतास ने 31 मई 2021 को आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव से बिहार राज्य के निवासी की कोविड 19 संक्रमण से अन्य राज्यों में हुई मौत के बाद उनके निकटतम आश्रितों काे अनुग्रह अनुदान की राशि देने के संबंध में जानकारी मांगी थी। इस पर बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव एम रामचंद्रु डु ने पत्र जारी करते हुए कहा कि उल्लेखनीय है कि 9 जून 2021 को जारी विभागीय अधिसूचना संख्या 2098 की कंडिका – 2 में यह स्पष्ठ प्रावधान है कि बिहार राज्य के निवासी की कोविड 19 संक्रमण से राज्य के अंदर मृत्यु होने की स्थिति में ही राज्य संसाधन से अनुग्रह अनुदान देय होगा। यानी बिहार के रहने वाले व्यक्ति कि बिहार के बाहर या बाहरी व्यक्ति के बिहार के अंदर मौत होती है तो उसे अनुग्रह राशि नहीं दी जाएगी।

बिहार में बाहरी की मौत पर नहीं मिलेगा अनुदान

देश के विभिन्न प्रदेशों के लोग बिहार में नौकरी या अन्य कामों में लगे हुए हैं। कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान वह बाहर जा नहीं जा पाए और बीमारी के कारण इलाज के दौरान उनकी बिहार में मौत हो गई। इसके बाद भी उन्हें सरकार की तरफ से कोई अनुदान राशि नहीं दी जाएगी। बिहार सरकार की इस नियम में बिहार और बाहरी शब्द का बड़ा रोल है। बिहार का रहने वाला बिहार में कोरोना से मरता है तो उसे अनुदान राशि दी जाएगी लेकिन बाहरी बिहार में मरता है तो वह इसका हकदार नहीं होगा। इसी तरह बिहारी भी अगर बाहर के राज्य में मरता है तो उसके भी आश्रित अनुदान के हकदार नहीं होंगे।

बिहार में अब तक 9626 लोगों की मौत

बिहार में अब तक कोरोना से 9626 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें ऐसे लोग भी शामिल हैं जो बिहार के रहने वाले नहीं है लेकिन इलाज या अन्य किसी काम से बिहार में थे और कोरोना संक्रमण के कारण उनकी मौत हो गई। पटना में 2329 लोगों की मौत हुई है। सूची में ऐसे लोगों को शामिल किया जा रहा है जो बिहार के रहने वाले हैं और बिहार में ही कोरोना से उनकी मौत हुई है।

स्क्रीनिंग में हुआ बड़ा खुलासा

दूसरी लहर में मौत के आंकड़ों को लेकर सरकार सवालों में आई। इसके बाद आंकड़ों को सुधारा गया और फिर नए आंकड़े जारी किए गए। पटना हाईकोर्ट ने भी मौत के आंकड़ाें पर सरकार से जवाब मांगा था। इसके बाद से आंकड़े लगभग डबल कर दिए गए लेकिन साथ ही साथ ऐसे कई नियम भी लाए गए जिससे अनुदान की व्यवस्था में बदलाव किया गया है। कोरोना से दूसरी लहर में मरने वालों की सूची को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से आवेदन मांगा था इसके बाद अधिक संख्या में जिलों में आवेदन आने लगे। इन आवेदनों की स्क्रीनिंग में अधिकतर ऐसे मामले सामने आए जो बिहार में मौत हुई लेकिन रहने वाले बाहर के थे। ऐसे भी मामले आए हैं जो बिहारी थे लेकिन उनकी मौत बिहार के बाहर कोरोना से हुई। ऐसे अधिकांश लोग हैं जो बिहार के रहने वाले हैं या बिहार में मौत हुई है वह अनुदान की श्रेणी में नहीं आए।

डेली बिहार न्यूज फेसबुक ग्रुप को ज्वाइन करने के लिए लिंक पर क्लिक करें….DAILY BIHAR

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *