बिहार का धमाहरा घाट हादसा, 3 हजार लोग आज ही के दिन समा गए थे कोसी के धार में, पसरा था मातम

धमाहरा घाट हादसा : करीब 3 हजार लोग आज ही के दिन समा गए थे कोसी के धार में : आज ही के दिन 39 साल पहले कोशी के धमहारा घाट में पैसेंजर ट्रेन की 6 बोगियाँ कोशी नदी में समा गई थी । जिसमें करीब 3 हज़ार लोग काल-कलवित हो गए । 6 जून का वो मंज़र आज भी लोगों के जेहन में है। बाहर हल्की बारिश हो रही थी, ड्राइवर ने अचानक से किसी कारण से ब्रेक लगाया और ट्रेन की 9 में से 6 बोगियाँ कोशी में समा गई । मंज़र तब खौफनाक हो गया जब लोगों ने बचाने से ज्यादा यात्रियों के संग लूटपाट शुरू कर दिया। विरोध करने वाले को जबरन डूबा दिया गया।

यह घटना जितना मानव इतिहास के लिए दुखदाई है, उससे ज्यादा दुखदायी है उस सामूहिक नरसंहार के लिए जो ट्रेन हादसे के बाद हुआ। कहा जाता है, औरतों के हाथ काटकर उनसे चूड़ियाँ निकाल ली गई थी, गला काटकर चेन, और पैर काटकर पायल, जो घायल थे उनका सामना लूटने के लिए उन्हें मार दिया गया ।

लाशें इतनी ज्यादा थी कि सामूहिक दाह संस्कार करना पड़ा था, रेलवे के मुआवजा के लिए लोग दूसरे-दूसरे लाश को पकड़ कर रो पीट रहे थे, कोई भी परिजन किसी का भी हाथ पकड़ रोने लगता। चूंकि, लाश सड़ गई थी इसलिए चेहरा पहचान में नहीं आ रहा था। शर्ट, माला और गोदना से लोग एक-दूसरे को पहचान रहे थे ।

यह काला अध्याय है, न केवल रेलवे के लिए अपितु कोशी के लिए भी।

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