लोकसभा चुनाव से पहले बिहार के हर एक जिले में होगा बागेश्वर वाले बाबा का हनुमान कथा
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बिहार में ‘बाबा’ के नाम पर राजनीति शुरु हो गई. बाबा प्रवचन करने लोकसभा चुनाव से 11 माह पहले क्यों आए? बिहार के लोग और बिहार अब उनको इतना अच्छा क्यों लगने लगा कि चुनाव से पहले ही वे प्रत्येक प्रमुख शहर में प्रवचन करने की घोषणा कर दी. बाबा यह सब कुछ क्यों कर रहे हैं…डेली बिहार डॉट कॉम
क्या बिहार के पत्रकार या राजनीतिक दल के नेता नहीं जान रहे हैं. हां बाबा के लोगों ने किशोर कुणाल के साथ जो कुछ किया वह किसी से छुपा नहीं है. किशोर कुणाल बीमार थे. लेकिन जब उन्हें पता चला कि बाबा मंदिर आ रहे हैं तो मंदिर न्यास समिति के सचिव के नाते वो बीमारी के हालत में मंदिर गए. लेकिन उनके साथ जो कुछ मंदिर परिसर में हुआ वह गलत हुआ. किशोर कुणाल कथावाचक नहीं हैं, पर धर्म के माध्यम से उन्होंने समाज के लिए जो काम किया है, इसकी दूसरी बानगी देश में देखने को नहीं मिलती है .

इस मामले में धीरेंद्र शास्त्री से उनकी कोई तुलना नहीं हो सकती. धीरेंद्र शास्त्री कभी भी किशोर कुणाल नहीं हो सकते हैं. क्योंकि धर्म को समाज से जोड़ कर कल्याण का जो काम किशोर कुणाल कर रहे हैं वह धीरेंद्र शास्त्री नहीं कर सकते. लेकिन,जनता शास्त्री के लिए पागल हुई पड़ी है. जो बिहार में सिर्फ और सिर्फ अपनी राजनीति रोटी सेकने आए हैं.
लेखक : राजेश कुमार ओझा, प्रभात खबर पटना
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