धोनी की चेन्नई सुपर किंग्स फिर मुश्किलों में, 300 करोड़ की मनी लॉड्रिंग में फंसी टीम

पटना : सबसे अधिक आईपीएल जीतने वाली चेन्नई सुपर किंग्स दो साल के बैन के बाद 2018 में वापसी की। चेन्नई सुपर किंग्स स्पॉट फिक्सिंग के मामले में बैन हुई थी, वहीं अब टीम पर एक बार फिर खतरा मंडराने लगा है। इस बार इस टीम पर मनी लॉड्रिंग का आरोप लगा है, जिसकी जांच ईडी कर रही है। रिपोर्टस के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की मनी लॉड्रिंग की जांच में यह पाया गया कि चेन्‍नई सुपर किंग्‍स में इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसे ने करीब 300 करोड़ रुपए का निवेश किया है। यह राशि पिछले साल 2018 में निवेश किया गया था। इस निवेश के पीछे कारण क्‍या है, ईडी इसका पता लगाने की कोशिश कर रहा है। जानकारी के अनुसार इस मामले में तीन बार की आईपीएल टीम चेन्‍नई सुपर किंग्‍स से पूछताछ की जा सकती है। निवेश करने वाली कंपनी आईएलएफएस से भी पूछताछ की जा सकती है।

आईएलएफएस कंपनी को जानें : 174 कंपनियां, डायरेक्ट-इनडायरेक्ट 164 सब्सिडियरीज, देसी डायरेक्ट-इनडायरेक्ट 92 सब्सिडियरीज, विदेशी सब्सिडियरी कंपनियों की संख्या 50, 6 साझा कंपनियां और 4 एसोसिएट हैं। स्पेन में 11 और सिंगापुर में 10 सब्सिडियरी हैं। आईएलएफएस के शेयर होल्डर्स की बात करें तो 36% हिस्सा विदेशी कंपनियों के पास जापान की ऑरिक्स, UAE की ADIA का कुल 36% हिस्सा IL&FS एंप्लॉई ट्र्स्ट भी 12% हिस्से का मालिक LIC का 25.34%, HDFC की 9.02% हिस्सेदारी, सेंट्रल बैंक का 7.67%, SBI का 6.42% हिस्सा है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *