दिल्ली में बिहारी वोटरों को नहीं लुभा पाए नीतीश कुमार, एग्जिट पोल में JDU को नहीं मिल रहा एक सीट
दिल्ली चुनाव में वोटरों को नहीं लुभा पाए नीतीश कुमार, एग्जिट पोल में जदयू का नहीं मिल रहा एक भी सीट
अभी अभी एक बड़ी खबर सामने आ रही है. बताया जा रहा है की दिल्ली चुनाव एग्जिट पोल में केजरीवाल सरकार को पूर्ण बहुमत मिलने जा रही है. वही बीजेपी के सीट में जबरदस्त इजाफा हो रहा है. दूसरी ओर नीतीश कुमार बिहारी वोटर को लुभाने में नाकाम रहे. एग्जिट पोल में जदयू को एक भी सीट मिलता नहीं दिख रहा.
दिल्ली विधानसभा चुनाव को मतदान को लेकर खत्म हो चुका है। एक्जिट पोल में सरकार बनाने को लेकर अलग-अलग दावे किए गए हैं। ज्यादातर एक्जिट पोल में आप को बढ़त के दावे किए जा रहे हैं। वहीं भाजपा के वोट फीसद और सीटें बढ़ने की भी संभावना जताई जा रही है। आज तक और एक्सिस माइ इंडिया के सर्वे के अनुसार भाजपा को 35 फीसदी वोट मिल सकते हैं। जबकि 2015 में भाजपा को 33 फीसदी मिले थे। रिपब्लिकन टीवी के एक्जिट पोल के अनुसार, भाजपा को 9-21 सीटें मिल सकती हैं। इंडिया टीवी के एक्जिट पोल के अनुसार भाजपा को 26 सीटें मिल सकती हैं। एबीपी-सी वोटर के एक्जिट पोल के अनुसार भाजपा को 5-19 सीटें मिल सकती हैं।
चुनाव के छह महीने पहले अरविंद केजरीवाल ने जिस तरह से घोषणाएं की, उससे चुनाव एक तरफा लग रहा था। लेकिन एक महीने पहले आते-आते दिल्ली विधानसभा का परिदृश्य बदल गया। पूरे चुनाव में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जमकर मेहनत की। अकेले अमित शाह ने भाजपा की 200 से अधिक सभाएं की। अंतिम चरण के प्रचार के लिए भाजपा ने बड़े नेताओं के साथ साथ लगभग 250 सांसदों को भी मैदान में उतारा गया जिन्हें दिल्ली की झुग्गियों में एक रात गुजारने को कहा गया। इन सांसदों को दिल्ली में फैले उन झुग्गी-झोपड़ियों में पहुंचने की जिम्मेदारी सौंपी गई, जहां उनके संसदीय क्षेत्र से आकर रहने वालों की संख्या अधिक है। इसे अरविंद केजरीवाल के कोर वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश के रूप में देखा गया।
दिल्ली में भाजपा का कोर वोटर लगभग 33 फीसद है जो किसी भी परिस्थिति में उसे वोट देता ही है। यही कारण है कि 2015 में अरविंद केजरीवाल की लहर में भी भाजपा लगभग 33 फीसदी वोट लाने में सफल रही थी। उसकी तुलना में इस बार मत प्रतिशत बढ़ा है।