गांव में मनानी थी पहली दीपावली जली चिता, मातम में बदली दिवाली की खुशियां, करवाचौठ वाली फोटो वायरल

पत्नी के साथ जिंदगी की आखिरी सेल्फी…:पिता का सपना पूरा करने के लिए पहनी थी वर्दी, मौत से पहले दोस्त को बर्थडे विश किया था : गुना के बीनागंज इलाके में डिवाइडर से टकराकर पुलिया से नीचे गिरी कार सवार ग्वालियर के देवेन्द्र दुबे सहित तीन लोगों की मौत हो गई। देवेन्द्र की पत्नी और एक आरक्षक दोस्त सहित 3 घायल हैं। देवेन्द्र खुद MP पुलिस में कॉन्स्टेबल हैं। 6 महीने पहले देवेन्द्र की शादी हुई थी। 24 अक्टूबर को पहली बार वैशाली (पत्नी) ने उसके लिए व्रत रखा था।

करवाचौथ की पूजा के बाद देवेन्द्र ने एक सेल्फी ली थी। यह सेल्फी उसने फेसबुक पर अपलोड की थी, लेकिन कोई नहीं जानता था कि यह सेल्फी उसके जीवन की आखिरी सेल्फी साबित होगी। इतना ही नहीं देवेन्द्र ने मौत से 24 घंटे पहले अपने दोस्त अभिषेक को उसके जन्मदिन पर बधाई देकर कहा था कि कल आ रहा हूं बर्थ डे की पार्टी लूंगा। देवेन्द्र ने शरीर पर वर्दी पिता के लिए पहनी थी। उसके पिता किसान है और उनकी इच्छा थी कि एक बेटा पुलिस की वर्दी पहने, उस सपने को देवेन्द्र ने पूरा किया।

एक नजर में पूरा हादसा…
गुना में बुधवार सुबह नेशनल हाईवे पर हुए सड़क हादसे में दो परिवारों की खुशियां छिन गईं। ग्वालियर के विजय नगर आमखो में रहने वाले देवेंद्र दुबे (26) पुत्र अजय दुबे शाजापुर के इकोदिया थाने में बतौर आरक्षक पदस्थ थे। वहीं, मुरैना के रहने वाले नीरज शर्मा (35) भी कालापीपल थाने में कॉन्स्टेबल हैं। दोनों में अच्छी दोस्ती है। दोनों परिवार समेत शाजापुर में ही रहते हैं।

बुधवार सुबह दिपावली मनाने के लिए दोनों परिवार समेत कार से ग्वालियर के लिए निकले। गाड़ी नीरज शर्मा चला रहे थे। देवेंद्र पास वाली सीट पर बैठा था। नीरज की पत्नी अलका अपने बेटा अनमोल (3), बेटी प्रियांशी (11 माह) और देवेंद्र की पत्नी वैशाली दुबे (24) पीछे की सीट पर बैठे थे। वह कार से अभी गुना के बीनागंज इलाके में बेरखेड़ी के पास पहुंचे थे तभी सुबह 5 बजे अचानक नीरज की झपकी लग गई। इसके बाद कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गई। डिवाइडर से टक्कर के बाद गाड़ी दूसरी तरफ पुलिया में जा गिरी। हादसे में कॉन्स्टेबल देवेंद्र, आरक्षक नीरज की पत्नी अलका और उसकी बेटी प्रियांशी की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, नीरज, अनमोल और देवेन्द्र की पत्नी वैशाली गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को गुना से ग्वालियर रैफर किया गया है।

दोस्त से वादा किया, लेकिन नहीं आया देवेन्द्र
ग्वालियर में देवेन्द्र का दोस्त अभिषेक यादव की मंगलवार को बर्थ डे थी। इस पर देवेन्द्र ने उसे कॉल कर जन्मदिन की बधाई दी। साथ ही कहा ऐसे नहीं छोडूंगा। कल आ रहा हूं पार्टी लूंगा। उसे बताया कि बुधवार सुबह निकलूंगा और 12 बजे तक घर आ जाउंगा। पर यह कोई नहीं जानता था कि वह कभी न लौटने वाले सफर पर निकल रहा है। दोस्त इंतजार कर रहा था। देवेन्द्र तो नहीं आया, लेकिन उसकी मौत की खबर आई। घटना के बाद अभिषेक को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि देवेन्द्र इस दुनिया में नहीं रहा। उसने अपनी पीड़ा सोशल मीडिया पर जाहिर की है।

गांव में मनानी थी पहली दीपावली, जली चिता
बताते हैं कि ग्वालियर में विजय नगर आमखो में रहने वाले अजय दुबे मूल रूप से किसान हैं और भिंड के मौ कस्बे के बरौली गांव के रहने वाले हैं। यहां ग्वालियर में कंपू पर देवेन्द्र के बड़े भाई राघवेन्द्र का सायबर कैफे है। यही वह भी बैठा करता था। पर पिता चाहते थे एक बेटा पुलिस में जाए। उनका सपना पूरा करने उसने कड़ी मेहनत की और आरक्षक के लिए चुना गया। इस बार शादी के बाद उसकी और वैशाली की पहली दीपावली थी। उसी में शामिल होने वह गांव के लिए निकला था। पर जहां त्योहार मनाना था उसी गांव में बुधवार शाम 5 बजे उसका अंतिम संस्कार किया जा रहा था। पिता और मां का रो-रोकर बुरा हाल था।

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