डॉक्टर की सलाह पर अमल और दोस्तों के दिलासे से आई हिम्मत से कोरोना को हराया

डॉक्टर की सलाह पर अमल और दोस्तों के दिलासे से आई हिम्मत से कोरोना को हराया

कोराेना संक्रमण से मुक्त हुए शरणम अस्पताल के वार्ड ब्वॉय सूरज कुमार ने कहा कि 19 मार्च की देर रात मुंगेर का युवक अस्पताल में आया। 20 को मैंने उस युवक के वार्ड की सफाई की। मुझे जानकारी नहीं थी कि उसे कोरोना हो गया है। उसकी दोनों किडनी फेल थी। जब उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई तो अस्पताल के संचालक संजीत कुमार ने सभी स्टाफ का टेस्ट करा दिया।

24 मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। मैं मुंगेर चेन का पहला पॉजिटिव पेशेंट था। मैं रोने लगा। पूरा परिवार परेशान हो गया। मेरे माता-पिता भाई का भी सैंपल लिया गया लेकिन सबकी रिपोर्ट निगेटिव आई। 24 को भर्ती हो गया। उस रात तो मैं रात भर नहीं सोया। यह सोचकर कि मैं अब रहूंगा या नहीं। लेकिन मैंने अपने आप को यकीन दिलाया कि घबराने से कुछ होने को नहीं है।

मैं एनएमसीएच में पहला पॉजिटिव मरीज था। बाद में मेरे अस्पताल का गौतम भी आ गया। घरवाले बात करते थे। शरणम अस्पताल के संचालक ने मेरी बहुत मदद की। दोस्तों से बात हो रही थी। सभी कह रहे थे कि ठीक हो जाओगे। उन लोगों के भरोसा दिलाने पर मैंने अपने आप को मानसिक रूप से तैयार कर लिया कि अब इस जंग को जीतना है। डॉक्टर की सलाह मानता रहा और दवा समय पर खाता रहा। 4 दिन पहले जब मेरी पहली रिपोर्ट नेगेटिव रिपोर्ट आई। मैं खुश हो गया।

सोवार को दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आई तब मेरी आंखों से खुशी के आंसू निकल गए। मैं जब खेमनीचक घर पहुंचा तो मेरी मां व परिवार वाले मुझे देख कर खुश हो गए। मेरा मैसेज यही है कि कोरोना से जंग जीतनी है तो डॉक्टरों और प्रशासन की सलाह मानें। इसका सबसे बेहतर इलाज सोशल डिस्टेंसिंग है।input-dainik bhasker

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