इस साल सुधा दूध की कीमतों में नहीं होगी बढ़ोतरी, ग्राहकों को मिलेगी राहत

अच्छे मानसून से इस साल नहीं बढ़ेंगे दूध के दाम

ग्राहकों के लिए राहत वाली खबर है। 2020 में डेयरी वाले दूध के दाम नहीं बढ़ेंगे। क्रेडिट रेटिंग इन्फाॅर्मेशन सर्विसेज अाॅफ इंडिया लिमिटेड (क्रिसिल) ने यह संभावना जताई है। दूध की कीमतों में वृद्धि नहीं होने का कारण इस साल पहले से अच्छा मानसून होना बताया गया है। मानसून सामान्य रहने से रबी और खरीफ फसलों का अच्छा उत्पादन होगा, जिससे पशुओं को पर्याप्‍त चारा मिलेगा। पशु चारा की उपलब्धता बढ़ने से दूध के उत्पादन में वृद्धि की संभावना है। 2019 में पहले जबरदस्त गर्मी, फिर मानसून में देरी और बाद में ज्यादा बारिश के कारण दुधारू पशुओं को सही चारा नहीं मिल पाया था। पशुओं के चारे में कमी की वजह से मई से ही दूध के उत्पादन में कमी आ जाती थी। दिसंबर तक दूध का उत्पादन करीब 6 प्रतिशत तक कम रहा था। इसकी भरपाई के लिए पशुपालकों ने दूध के दाम बढ़ा दिए थे। दूध का खरीद मूल्य 4 से 5 प्रतिशत तक बढ़ गया था। खरीद मूल्य बढ़ने से दूध के दामों में भी 5 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई थी।

मानसून के आने की तििथ में बदलाव से फसलों पर पड़ेगा सकारात्मक प्रभाव
मौसम वैज्ञानिकों ने इस साल मानसून के पहले से बेहतर होने की संभावना जताई है। जलवायु के अध्ययन से यह माना जा रहा है कि मानसून के आने की तिथि में कुछ परिवर्तन हो सकता है, पर फसलों पर इसका सकारात्मक प्रभाव ही पड़ेगा। मानसून के सही समय पर आने और बेहतर होने से हर तरह की फसल और पशु चारे का उत्पादन पहले की तुलना में बढ़ जाएगा, जो पशुपालकाें और दूध के उत्पादन में फायदेमंद होगा।

खरीद मूल्य नहीं बढ़ा तो स्थिर रहेंगी कीमतें
डेयरी संचालकों ने भी पशु चारे का उत्पादन बढ़ने से दूध उत्पादन में वृद्धि की संभावना जताई है। उत्पादन बढ़ने से दूध के खरीद मूल्य में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं होगी। सुधा के एमडी एसएन ठाकुर के मुताबिक पशु चारा का उत्पादन सही रहा तो दूध का उत्पादन भी बढ़ेगा। इससे दूध की कीमत स्थिर रहेगी।

10% ज्यादा बािरश होने से जलाशयों में पर्याप्त पानी
क्रिसिल द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक इस साल फरवरी से ही पशुओं के लिए पर्याप्‍त चारा उपलब्ध है। वर्ष 2019 में मानसूनी बारिश के औसत से 10 प्रतिशत ज्यादा होने के कारण जलाशयों में इस बार 10 साल के औसत से 41 प्रतिशत ज्यादा पानी उपलब्ध है, जो चारा उत्पादन में सहायक होगा।

धान से होने वाले पशु चारे का बढ़ेगा उत्पादन
बेहतर मानसून से धान की पैदावार में भी वृद्धि होगी। धान की फसल से राज्य को पशु चारे का बड़ा हिस्सा प्राप्त होता है। धान में चावल और पशु चारा का अनुपात 1:1.2 होता है। कृषि वैज्ञानिक अनिल झा ने बताया कि धान की पैदावार बढ़ने से उसी अनुपात में पशुओं के चारे का उत्पादन भी बढ़ेगा।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *