यहां मुसलमान सजाते हैं माता का दरबार, 99 वर्षों से कर रहे है दुर्गा पूजा का आयोजन

बिहार में मुसलमानों का एक समूह सांप्रदायिक सौहार्द्र और भाईचारे की मिसाल पेश कर रहा है। यह समूह एक मंदिर की दुर्गा पूजा समिति का प्रबंधन करता है और इस त्योहार को एक अलग तरीके से मनाने में हिंदुओं की मदद करता आ रहा है।

पटना: बिहार में मुसलमानों का एक समूह सांप्रदायिक सौहार्द्र और भाईचारे की मिसाल पेश कर रहा है। यह समूह एक मंदिर की दुर्गा पूजा समिति का प्रबंधन करता है और इस त्योहार को एक अलग तरीके से मनाने में हिंदुओं की मदद करता आ रहा है। बिहार के बेगूसराय जिले में एक मंदिर की दुर्गा पूजा समिति को मुस्लिम लोगों द्वारा चलाया जाता है, जहां वे हिंदुओं के साथ मिलकर इस त्योहार को मनाते हैं।

किरोड़ीमल गजानंद दुर्गा पूजा समिति पिछले 99 वर्षो से इस त्योहार का प्रबंध करती आ रही है। समिति में मुस्लिम बहुसंख्यक हैं। पटना से 150 किलोमीटर दूर बेगूसराय के मध्य स्थित देवी दुर्गा के इस मंदिर में यह समिति अनुष्ठान, पूजा आयोजित करने और श्रद्धालुओं को संभालने काम करती है।

किरोड़ीमल गजानंद दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष अशोक कुमार गोयनका ने कहा,”24 सदस्यों की इस समिति में 17 मुस्लिम और सात हिंदू सदस्य हैं। यह बिहार में अपने आप में अनूठी दुर्गा पूजा समिति है, जो दुर्गा पूजा को बड़े धूमधाम से मनाती है।”

समिति के दूसरे सदस्य मुन्ना गोयनका ने कहा, “हम मुस्लिम लोगों के समर्थन के बिना इस त्योहार को इतने बड़े तरीके से मनाने के बारे में सोच भी नहीं सकते।” समिति के मुस्लिम सदस्य हिंदुओं के साथ न केवल सजावट का काम देखते हैं, बल्कि मंदिर परिसर की सफाई, प्रसाद बांटने के साथ ही दूसरे अनुष्ठानों में भी हाथ बंटाते हैं।

समिति के मुस्लिम सदस्य अनवर का कहना है, “हम हिंदू भाइयों को त्याहोर मनाने में मदद करते हैं। दरअसल हम अपने पूर्वजों की परंपरा के मुताबिक साथ चल रहे हैं।” उन्होंने कहा, “यह इस्लाम द्वारा सहिष्णुता का प्रसार है, जिसके तहत हमें एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए।” करीब 500 से ज्यादा मुस्लिम कारीगरों ने गया, पटना, मुज्जफरपुर, पूर्णिया, भागलपुर, मधुबनी, नालंदा, भोजपुर, और दूसरे जिलों में दुर्गा पूजा के लिए विभिन्न मंदिरों और दूसरे जगहों पर प्रतिकृतियों को अंतिम रूप दिया है।

पटना में कई मुस्लिम युवकों और व्यापारी भी दुर्गा पूजा समारोह में शामिल हुए हैं। इसके अलावा कइयों ने सामुदायिक प्रार्थना के लिए दान भी दिया है, जबकि कुछ सब्जीबाग, कुंकुन सिंह लेन और रमना रोड जैसे मुस्लिम-बहुल इलाकों में पंडाल लगाने में मदद कर रहे हैं।

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